बिहार : अस्पताल में इलाज के दौरान प्रसूता की हुई मौत, डॉक्टर और महिला कर्मी हुए अरेस्ट
की देर शाम रजनी देवी को उसके परिजन अनुमंडलीय हॉस्पिटल लेकर आए, जहां चिकित्सक ने कल आने के लिए कहा, तब हॉस्पिटल परिसर में उपस्थित आशा कर्मी ने रजनी और उसके परिजन को समझाते हुए बीबीगंज में चाइल्ड केयर हॉस्पिटल निजी क्लीनिक में जाने के लिए कहा। आशा कर्मी की बातों में आकर परिजनों ने रजनी को उक्त क्लीनिक में भर्ती कराया दिया, जहां देर रात को बड़ा ऑपरेशन कर प्रसव कराया गया। उसके बाद रजनी की तबीयत बिगड़ते चली गई और उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद क्लीनिक में बवाल होता देखकर आसपास के लोगों ने इस की सूचना डायल 112 के साथ ही पुलिस को दी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाकर शांत करवाया। रजनी देवी का भाई राजेश रजक ने कहा कि निजी क्लीनिक में भर्ती के बाद तथाकथित चिकित्सक संटू कुमार ने कहा कि जल्द ऑपरेशन करना पड़ेगा। जिसके बाद उन्होंने 40 हजार रुपया जमा करने को कहा। रुपया जमा करने के बाद वह ऑपरेशन के लिए मेरी बहन को ले गए। कुछ देर बाद बच्चा लेकर बाहर आकर सभी को दिखाया। उसके कुछ देर रात को बोला कि रोगी का हालत बहुत नाजुक है। इन्हें दूसरे हॉस्पिटल में ले जाना पड़ेगा। आनन फानन में मैनपुरा स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया, लेकिन उसकी मृत्यु हो चुकी थी। इस बीच चिकित्सक सहित क्लीनिक कर्मी फरार हो गए।
परिजनों ने तथाकथित चिकित्सक पर ढिलाई बतरने के इल्जाम लगाया है। लोगों ने कहा कि अनुमंडलीय हॉस्पिटल के आसपास फर्जी ढंग से बिना बोर्ड और पंजीकरण के निजी क्लीनिक संचालित है, जिससे आये दिनों जच्चा और बच्चा की मृत्यु होते रहती है। कभी गर्भपात किया हुआ नवजात मृतशरीर भी फेंका मिलते रहता है। थानाध्यक्ष ने कहा कि मृतक के पति के बयान पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। तथाकथित चिकित्सक और एक स्त्री कर्मी को अरैस्ट कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
नालंदा न्यूज़ डेस्क