वायरल

ईडी ने एक साइबर जालसाज की मां के लॉकर से 14.04 करोड़ रुपये और 19.5 किलोग्राम सोना किया जब्त

चंडीगढ़: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक साइबर जालसाज की मां के लॉकर से 14.04 करोड़ रुपये मूल्य का 19.5 किलोग्राम सोना बरामद किया. लॉकर हरियाणा के फरीदाबाद में भारतीय बैंक की बल्लभगढ़ शाखा में बना हुआ था. सोमवार को एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आरोपी की पहचान पुनीत कुमार के रूप में हुई, जिसे पुनित माहेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है, उसे 3 अप्रैल को नयी दिल्ली में आईजीआई हवाई अड्डे के टर्मिनल -3 के अराइवल हॉल से पकड़ा गया था. बाद में उन्हें दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) न्यायालय के सामने पेश किया गया, जिसने प्रवर्तन निदेशालय को 12 दिनों की हिरासत दी. अभी कुमार न्यायिक हिरासत में हैं

सोने की जब्ती विशिष्ट खुफिया जानकारी के बाद की गई, जिससे पता चला कि कुमार ने भारतीय बैंक में अपनी मां के नाम पर दर्ज़ एक लॉकर में साइबर क्राइम की आय को सोने के रूप में छिपाकर रखा था. इससे पहले पीएमएलए के अनुसार फरवरी और मार्च 2024 में 14 स्थानों पर छापे मारे गए थे, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न संपत्तियां बरामद की गईं थीं. इनमें कुमार के आवास से मिली आठ किलोग्राम वजनी विदेश निर्मित सोने की ईंटें भी शामिल हैं, जिनकी मूल्य ₹5.04 करोड़ है. सोने के अलावा, ₹75 लाख की नकदी, आभूषण, लक्जरी घड़ियाँ और मर्सिडीज, ऑडी और किआ जैसी महंगी गाड़ियाँ भी बरामद की गईं. इसके अतिरिक्त, ऑफिसरों ने जरूरी साक्ष्य वाले आपत्तिजनक दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए.

ये कार्रवाइयां एक व्यापक मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन का हिस्सा थीं जिसमें विदेशी औनलाइन गेमिंग कंपनियां भारतीय निवासियों का उत्पीड़न कर रही थीं. प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के अनुसार, कुमार ने 2 मार्च को अरैस्ट किए गए आशीष कक्कड़, केशव सूद और शिव दरगर जैसे अन्य लोगों के साथ मिलकर साइबर अपराधों से प्राप्त बाहरी प्रेषण की सुविधा प्रदान की. ईडी ने इल्जाम लगाया कि आरोपी संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, हांगकांग, चीन, मलेशिया, मॉरीशस और थाईलैंड सहित पूरे विश्व के विभिन्न स्थानों पर हवाला लेनदेन में लगे हुए थे.

पिछले वर्ष कक्कड़ की संपत्तियों की तलाशी के दौरान, ऑफिसरों ने बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज, आधार और पैन कार्ड जैसी जाली/नकली आईडी, विदेशी बैंकों में औनलाइन लेनदेन के लिए डिजिटल उपकरण, लैपटॉप, कंप्यूटर हार्ड डिस्क और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड वाले पेन ड्राइव बरामद किए थे. असंख्य विदेशी जावक प्रेषण. कई भारतीय और विदेशी दर्ज़ फर्मों के टिकट, साथ ही कई ऐसी भारतीय और विदेशी फर्मों के खाली लेटरहेड भी पाए गए.

कक्कड़ और उनके सहयोगियों ने कथित तौर पर हिंदुस्तान और विदेशों में, मुख्य रूप से चीन, सिंगापुर, हांगकांग और दुबई में कई शेल ट्रेडिंग फर्मों/फर्जी कंपनियों की स्थापना और संचालन किया. इन फर्मों को मनगढ़ंत या जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके विभिन्न कर्मचारियों या किराए पर लिए गए व्यक्तियों के नाम पर दर्ज़ किया गया था. उनका इस्तेमाल विदेशी दर्ज़ गेमिंग वेबसाइटों द्वारा संचालित औनलाइन गेमिंग गतिविधियों से क्राइम की आय को इकट्ठा करने, रूट करने और बाहरी रूप से प्रेषित करने के लिए किया गया था.

यह ध्यान रखना जरूरी है कि औनलाइन गेमिंग से क्राइम की आय को हिंदुस्तान से बाहर भेजना फेमा प्रावधानों का उल्लंघन है. कक्कड़ और उनके सहयोगियों ने कथित तौर पर एक विशिष्ट कार्यप्रणाली तैयार की जिसमें जाली या मनगढ़ंत दस्तावेजों का इस्तेमाल करके डमी फर्मों का निर्माण शामिल था. फिर उन्होंने इन फर्मों का इस्तेमाल विशेष आर्थिक क्षेत्रों में आयात/निर्यात गतिविधियों और फेमा प्रतिबंधों से बचने के लिए इन आयातों के बदले में विदेशी प्रेषण के लिए किया. इन्हीं जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल डमी कंपनियों/फर्मों के नाम से खोले गए बैंक खातों के संचालन में भी किया गया था.

सूत्रों का दावा है कि इस कार्यप्रणाली का इस्तेमाल करते हुए, कथित व्यक्तियों ने 167 घरेलू फर्मों/कंपनियों के लिए 188 बैंक खाते और 105 विदेशी फर्मों/कंपनियों के लिए 110 बैंक खाते संचालित किए. विदेशी कंपनियों में से 46 चीन में, 30 सिंगापुर में, 18 हांगकांग में, सात संयुक्त अरब अमीरात में, दो मलेशिया में, एक थाईलैंड में और एक मॉरीशस में स्थित थी. आरोपियों ने कथित तौर पर खाली पत्तों पर फर्जी हस्ताक्षर प्राप्त करने या फर्जी हस्ताक्षर करने के बाद डमी फर्मों/कंपनियों की खाली चेकबुक अपने पास रख लीं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button