बिहार

भू- माफियाओ के गठजोड़ से सरकारी जमीन की बिक्री का खेल बदस्तूर जारी

जिले में अंचल कार्यालय और भू- माफियाओ के गठजोड़ से सरकारी जमीन की बिक्री का खेल बदस्तूर जारी है. वही कुछ अंचल कार्यालय द्धारा गैर कानूनी प्रतिफल प्राप्त कर बेतिया राज के जमीन पर भी कब्जा और पक्का निर्माण कराया जा रहा है. ताजा मुद्दा सरकारी जमीन की बिक्री करने का सामने आया है, जिसको पूर्वी चंपारण के प्रभारी जिला अवर निबंधन पदाधिकारी योगेश त्रिपाठी ने पकड़ा है.

बताया जा रहा है कि जिला अवर निबंधन कार्यालय में भूमाफिया और अंचल कार्यालय के मिलीभगत से सरकारी जमीन की फर्जी ढंग से जमाबंदी और रसीद कटाकर जमीन बिक्री के लिए पहुंचे थे लेकिन कागजात को देखने के बाद जब निबंधक को शक हुआ तो उन्होने विक्रेता से पूरी कागजात मांगी,जिसके बाद अंचल कार्यालय और भूमाफिया गठजोड़ का पूरा खेल सामने आ गया.उक्त जमीन गैरमजरूआ था,जिसका फर्जी ढंग से जमाबंदी कायम कर लगान रसीद तक काट दिया गया था.

इस खुलासे के बाद रजिस्टार ने जमीन रजिस्ट्री पर रोक लगाते हुए अंचल कार्यालय से स्पष्टीकरण की मांग की है.मामला जिले के तुरकौलिया अंचल का जुड़ा हुआ है, जहां के जयसिंहपुर मौजा के खेसरा नम्बर 6507 की जमीन बिक्री के लिए निबंधन कार्यालय में कागजात प्रस्तुत किया गया, जिस पर शक होने के बाद पूरा खेल सामने आया है.अंचल कार्यालय और भूमाफिया गठजोड़ से हुए इस बड़े धोखाधड़ी सामने आने के बाद पूरे जिला में हडकंप मचा हुआ है.वही इस बात की भी चर्चा हो रही है कि इस गठजोड़ से कई अधिकारी और भू माफिया पिछले कई वर्ष से माल समेट रहे है.

कई लोगों ने कहा कि जिले के तुरकौलिया,बंजरिया और मोतिहारी सदर अंचल में गत चार पांच वर्ष में सैकड़ो एकड़ गैर मजरूआ जमीन की बिक्री हुई है.वही कुछ लोगो ने यह भी कहा कि इन अंचलो में बेतिया राज की भूमि पर गैरकानूनी कब्जा और पक्का निर्माण की स्वीकृति देकर ऑफिसरों ने दोनो हाथ से रूपये बटोरे है.हालांकि इस खुलासे के बाद ऐसी आसार जतायी जा रही है कि पूरी मुद्दे की गहन जांच होगी.लिहाजा इस फर्जीवाड़े में शामिल कई अधिकारी जांच की रडार पर होगे.

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