बिहार

‘महागठबंधन’ में राजद द्वारा बीमा भारती को उम्मीदवार बनाए जाने से चर्चा हुई तेज

पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव, जिन्होंने पिछले सप्ताह अपनी जन अधिकार पार्टी (जेएपी) का कांग्रेस पार्टी में विलय कर बिहार के पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने की आशा की थी. हालांकि, यह सीट राजद कोटे में गई है. ऐसे में पप्पू यादव के लिए यह बड़ा झटका है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के बैनर तले इस प्रतिष्ठित सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की पूर्व सांसद पप्पू यादव की दृढ़ महत्वाकांक्षा के कारण पूर्णिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र सियासी प्रतिद्वंद्विता के युद्धक्षेत्र में परिवर्तित हो गया है. ‘महागठबंधन’ में राजद द्वारा बीमा भारती को उम्मीदवार बनाए जाने से चर्चा तेज हो गई है. पप्पू यादव चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं.

पप्पू यादव ने बोला कि मैं सहज हूं क्योंकि मुझे पूर्णिया के लोगों का समर्थन प्राप्त है और लोग मेरे दिल के बहुत करीब हैं. राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी मेरे बहुत करीबी हैं. वे मेरे लिए बहुत जरूरी हैं. मैं कांग्रेस पार्टी की विचारधारा में विश्वास करता हूं. उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा कि सीमांचल कोसी जीतकर. राष्ट्र में कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट बनाएंगे. पूर्णिया में कांग्रेस पार्टी का झंडा लहराएंगे. राहुल गांधी जी को पीएम बनाएंगे. राजद कांग्रेस पार्टी की अहम सहयोगी है. उन्होंने बोला कि मुझे अपनी पार्टी का कांग्रेस पार्टी में विलय करने का कोई अफसोस नहीं है क्योंकि मैंने ऐसा एक बड़े उद्देश्य के लिए किया है.‘ मेरा उद्देश्य भेदभाव को समाप्त करना, लोकतंत्र, संस्थानों और अन्य संगठनों को बचाना है. ऐसा करने के लिए एक बड़े मंच की आवश्यकता थी, यही वजह है कि मैंने अपनी पार्टी का कांग्रेस पार्टी में विलय कर दिया.

उन्होंने बोला कि मैं कांग्रेस पार्टी में हूं और वहीं रहूंगा. मैं निश्चित रूप से पूर्णिया से कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ूंगा. मैं पिछले दो सालों से इस निर्वाचन क्षेत्र में काम कर रहा हूं. पूर्णिया सीमांचल की राजधानी है और पूरा राष्ट्र इसे आशा भरी नजरों से देखता है. पूर्णिया ने मुझे कभी दूर नहीं किया, तो मैं पूर्णिया कैसे छोड़ सकता हूं? मेरे पास मधेपुरा और सुपौल सीट का ऑफर था, लेकिन मैंने इंकार कर दिया. ऐसे में यदि पप्पू यादव वहां चुनाव लड़ते हैं तो इससे किसका हानि करेंगे यह देखना होगा.

कांग्रेस ने कई मौकों पर बलिदान दिया है क्योंकि उनके लिए सत्ता ही एकमात्र लक्ष्य नहीं है. वे युवाओं के रोजगार, किसानों और स्त्री सुरक्षा के लिए काम करते हैं. कांग्रेस पार्टी ने राजद को बड़े भाई की तरह सम्मान दिया है. महागठबंधन के सहयोगियों के भीतर आंतरिक कलह साफ है, जिसमें यादव मानने में अनिच्छा दिखा रहे हैं. उन्होंने 2 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करने की योजना के साथ, आधिकारिक तौर पर निर्वाचन क्षेत्र से आम चुनाव लड़ने के अपने इरादे की घोषणा की है.

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