बिहार

रोटी और पेट की बात पर जीतन राम मांझी ने कहा- ये तो घर की बात है, हमको एक…

बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने यह साफ कर दिया है कि उनके बेटे संतोष कुमार सुमन को दिए गए मंत्री पद से वह बहुत अधिक खुश नहीं हैं ऐसे में उनकी मांग है कि उन्हें दूसरा कोई विभाग का मंत्री पद का मिलना चाहिए उन्होंने स्पष्ट रूप से गवर्नमेंट में दो मंत्री पद की मांग की और उदाहरण देते हुए मनचाहा विभाग के बारे में भी इशारा किया मांझी ने बोला कि हम सड़क भी बनवा सकते हैं और हम नाली भी बनवा सकते हैं हम हर वह काम कर सकते हैं जो कोई और कर सकता है उनका इशारा पथ निर्माण विभाग की ओर था

जीतन राम मांझी ने बोला है कि ये घर की बात है, हमको एक रोटी से पेट नहीं भरता है, हम दो तीन रोटी की मांग करेंगे ही हम अपने नेता से मांग कर रहे हैं पूर्व सीएमने यह बोला है कि कम से कम दो रोटी दीजिए, क्योंकि हम गरीब की राजनीति करते हैं, इसलिए ऐसा विभाग मिले कि हम अपने ग्रामीण क्षेत्र में काम कर सकें जीतन राम मांझी ने बोला कि हमने अपने नेता के सामने यह मांग रखी है, अब देना ना देना उनके ऊपर है

जीतन राम मांझी ने यह भी बोला कि, ये सोच लीजिए कि नहीं भी देंगे तो हम कोई अप्रिय बात नहीं कहेंगे जहानाबाद में न्यूज 18 से बात करते हुए मांझी ने बोला कि हमने साफ रूप से पहले भी बोला है कि जो विभाग मुझे मिलता आया है, वही विभाग मेरे बेटे को भी मिला है यह ठीक नहीं है हम दो मंत्री पद की मांग कर रहे हैं ऐसे में अपने घर में मांग नहीं रखेंगे तो और किनके सामने रखेंगे

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी (HAM) से 2 मंत्री की मांग पर बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा, “मैं गांव से आता हूं, शहर से मेरा कोई मतलब नहीं रहता है मैं 43 वर्ष से काम कर रहा हूं लोगों को मुझसे आशा रहती है कि कुछ काम मैं कर दूं यदि मुझे कोई मंत्रालय मिल जाए तो और काम हो सकता है हमेशा मैं एक ही विभाग देखता रहूं ये अच्छा नहीं लगता है हमारे मन में आता है कि जान बूझकर हमारे समाज को नजरअंदाज किया जा रहा है

हालांकि, इसके साथ ही मांझी ने उन्होंने यह भी बोला कि ये कोई रंजिश नहीं है इसके कारण समर्थन देने और लेने का कोई फर्क नहीं आता है हम नीतीश जी और एनडीए के साथ हैं और रहेंगे 12 फरवरी को जो फ्लोर टेस्ट होगा उसमें डट कर हम एनडीए का साथ देंगे एनडीए की गवर्नमेंट का विधानसभा में फ्लोर टेस्ट जो होना है, वह निश्चित रूप से सफल होगा, क्योंकि इसमें कहीं किसी को कोई किंतु परंतु का प्रश्न ही नहीं उठता है बिहार में एनडीए की नयी गवर्नमेंट कायम रहेगी

बता दें कि बिहार की बदली राजनीति में जीतन राम मांझी बहुत अहम भूमिका हैं उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के चार विधायकों पर महागठबंधन और एनडीए, दोनों की निगाह है घोषित तौर पर मांझी तो एनडीए में हैं, लेकिन तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद कि खेल अभी बाकी है… को लेकर सबसे अधिक मांझी के रुख को टटोला जा रहा है इसी बीच मांझी की नाराजगी भी सामने आ चुकी है

दरअसल, 243 सदस्यीय विधान सभा में राजद, कांग्रेस पार्टी और वाम दल मिलाकर महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं बताया जा रहा है कि एआईएमआईएम और एक निर्दलीय विधायकों के समर्थन से यह 116 तक पहुंच सकता है वहीं मांझी के चार विधायक मिल जाएं तो 120 का आंकड़ा पहुंच जाएगा हालांकि, बहुमत की 122 की संख्या से यह अभी भी दो कम है लेकिन बोला जा रहा है कि जदयू के कुछ विधायक विधानसभा से गैर हाजिर रहकर तेजस्वी की राह सरल कर सकते हैं खास बात यह है कि स्पीकर राजद कोटे के अवध बिहारी चौधरी हैं

हालांकि, एनडीे खेमा मजबूत दिख रहा है क्योंकि अभी उनके पास 128 विधायकों का समर्थन है जो कि बहुमत से 6 अधिक है, लेकिन यदि जीतन राम मांझी की नाराजगी यूं ही बरकार रही और हम के 4 विधायकों के इधर से उधर होने की स्थिति में बिहार में राजनीति का समीकरण अचानक चेंज होने की आसार बढ़ जाएगी ऐसे में मांझी को  मनाने और साथ में रखने के लिए एनडीए खेमा भी लगातार सक्रिय है मांझी बार-बार कह भी रहे हैं कि हैं कि वह एनडीए के साथ हैं लेकिन राजनीति है भाई… तेजस्वी के शब्दों में ही कहें तो … खेल अभी बाकी है!

Related Articles

Back to top button