3 महीने से MDM के फोन पर रेस्पॉन्ड नहीं कर रहे थे 1434 हेडमास्टर, अब शिक्षा विभाग ने कर दी यह कार्रवाई
बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक फिर से विद्यालय प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई के मूड में दिख रहे हैं। इस कड़ी में अब ढिलाई बरतने वाले सरकारी विद्यालयों के हेडमास्टरों का एक महीने का वेतन काटा जा रहा है। इतना ही नहीं, इनका वेतन गवर्नमेंट के खजाने में जमा भी किया जाएगा। बता दें कि विभाग के रडार पर 1434 प्रधानाध्यापक हैं, जो लगातार 3 महीने से एमडीएम के टेलीफोन पर रेस्पॉन्ड नहीं कर रहे हैं। इसके बाद मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र निर्गत किया है।
जानिए क्या है लेटर में?
शिक्षा विभाग के निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने लिखा है कि मध्याह्न भोजन योजना का मोबाइल टेलीफोन से ऑटोमेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम (IVRS) की समीक्षा की गई है। समीक्षा में पाया गया कि दोपहर में लगातार तीन माह से टेलीफोन कॉल का रिस्पांस नहीं किया है। 01 नवंबर 2023 से लेकर 31 जनवरी 2024 तक का आंकड़ा बताता है कि 1434 ऐसे प्रधानाध्यापक हैं, जिन्होंने टेलीफोन कॉल का उत्तर नहीं दिया है।
पत्र में आगे लिखा है कि इन सभी प्रधानाध्यापकों का वेतन अगले आदेश तक बंद किया जाए। इतना ही नहीं, उनसे स्पष्टीकरण भी पूछा जाए कि क्यों नहीं इस ढिलाई के लिए उनके एक माह के वेतन की कटौती कर राज्य गवर्नमेंट के कोषागार में जमा कर दिया जाए। बता दें कि उत्तर मिलने के बाद अपने मंतव्य और कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट भेजने की बात भी लिखी गई है।
सीवान-मधुबनी में सबसे अधिक हैं हेडमास्टर
बता दें कि विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कार्रवाई की जद में आने वाले सबसे अधिक हेडमास्टर सीवान में 175 और मधुबनी में 112 हैं। इनके बाद दरभंगा में 78, पूर्वी चंपारण में 77 और बक्सर में 75 हैं। बड़े शहरों की बात करें तो पटना में 61, गया में 28, मुजफ्फरपुर में 31 और भागलपुर में 20 ऐसे हेडमास्टर हैं, जिन्होंने विभाग की औनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम का रेस्पॉन्स नहीं दिया है।