बिहार

इस मिठाई को चखने के बाद खुद को तारीफ करने से नहीं रोक पाते, जानें रेसिपी

 नालंदा बिहार का नालंदा केवल ऐतिहासिक धरोहरों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने खान-पान के लिए भी जाना जाता है यहां कई ऐसी डिश हैं जिसकी अपनी एक अलग पहचान है नालंदा में कई भिन्न-भिन्न तरह की मिठाइयां बनाई जाती है इसी कड़ी में नालंदा की ऐसी मिठाई की बात करने जा रहे हैं जो खाने में बहुत लजीज है लोग इस मिठाई को चखने के बाद स्वयं को प्रशंसा करने से नहीं रोक पाते इस मिठाई का नाम झिल्ली है

ये मिठाई नालंदा के बिहार शरीफ मुख्यालय स्थित लहेरी मोहल्ले में बनाई जाती है जहां भूरा से निर्मित मिठाई का एक दर्जन दुकान है, जिसमें दर्जनों कारीगर काम करते हैं और उससे परिवार का जीविकोपार्जन कर रहे हैं झिल्ली अपनी सोंधी खुशबू के साथ निराली मिठास के लिए ज़िला ही नहीं, बल्कि राष्ट्र के विभिन्न शहरों में काफी प्रसिद्ध है

सत्तू से तैयार होता है झिल्ली
कारीगर इंदु कुमार ने कहा कि झिल्ली बनाने के लिए पहले आटा, चना का सत्तू (पाउडर) और बेसन को मिलाकर गर्म पानी में गूथकर एक उंगली जीतना लंबा काटकर रिफाइन ऑयल में फ्राई करते हैं इसके बाद उसे सुखाया जाता है और बाद में गुड़ को पिघलाकर उसकी चाशनी बनाते हैं उसमें थोड़ा सा मीठा सोडा भी मिलाते हैं उसके बाद खकड़ी को चाशनी में मिलाकर दुबारा सुखाते हैं इसके बाद यह बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाता है लोग बहुत शौक से खाते हैं झिल्ली स्वाद के साथ स्वास्थ के लिए भी रामबाण है झिल्ली खून को साफ में सहायता करता है साथी इसके अन्य लाभ भी हैं

80 रुपए प्रति किलो बिकती है झिल्ली
झिल्ली के बारे में दुकानदार नीतीश कुमार ने कहा कि यह मिठाई यहां सालों से बनती आ रहा है पूर्वज भी झिल्ली बनाकर बेचते थे अब स्वयं व्यवसाय में लगे हुए हैं भूरे से निर्मित यह मिठाई केवल नालंदा में ही बनती था, लेकिन अब दूसरे जिलों में भी प्रारम्भ हो गई है पहले यहां पर 3 दुकान थीं, लेकिन अब एक दर्जन के करीब हो गई हैं इसकी अधिक डिमांड सर्दियों के मौसम में होती है वैसे तो यह पूरे वर्ष बिकती है

सीज़न में यह एक दिन में 70 से 100 किलो बिकती है, जबकि ऑफ सीजन में यह 20 से 30 किलो बिकती है इसकी मूल्य 80 रुपए प्रति किलो है, जबकि थोक में 70 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकती है हर रोज ऑफ सीजन में डेढ़ क्विंटल झिल्ली बनती है ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदार और खुदरा व्यवसायी ले जाते हैं इस दुकान में 5 से 7 कारीगर काम करते हैं

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