लोकसभा चुनाव के पहले बिहार प्रदेश कांग्रेस को झटका पर झटका, एक और बड़े चेहरे ने कह दिया बाय-बाय
पटना। लोकसभा चुनाव के पहले बिहार प्रदेश कांग्रेस पार्टी को झटका पर झटका लग रहा है। पप्पू यादव के बगावती तेवर से परेशान कांग्रेस पार्टी को पहले अनिल शर्मा और प्रदेश प्रवक्ता ने बाय-बाय कह दिया है।
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बिहार कांग्रेस पार्टी में उठापटक जारी है। पहले तो कांग्रेस पार्टी में अपनी पार्टी को मर्ज करने वाले पप्पू यादव ने बागी तेवर दिखाकर कांग्रेस पार्टी के लिए सर दर्द पैदा कर दिया है वहीं दूसरी तरफ रविवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा और सोमवार की सुबह-सुबह प्रदेश प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग-पत्र देकर कांग्रेस पार्टी को एक और झटका दे दिया है।
बिहार प्रदेश कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने पप्पू यादव को पूर्णिया लोकसभा चुनाव लड़ने पर पार्टी से अलग रास्ता दिखाने की बात तक कह डाली थी लेकिन इन सब के बावजूद पप्पू यादव अपने निर्णय पर अडिग हैं। 4 अप्रैल को पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन दाखिल करेंगे। पप्पू यादव के पूर्णिया लोकसभा चुनाव से खड़ा होने पर महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद को बड़ा झटका लग सकता है।
इससे पहले पिछले 39 वर्षों से कांग्रेस पार्टी में विभिन्न पदों पर काम करने वाले पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने न सिर्फ़ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग-पत्र दिया बल्कि पार्टी नेता सोनिया गांधी पर गंभीर इल्जाम लगाए। अनिल शर्मा ने सोनिया गांधी को कम्युनल लीडर तक करार दिया था। अनिल शर्मा ने साफ शब्दों में बोला कि कांग्रेस पार्टी बिहार में राजद की पिछलगू बनकर रह गई है और उसका कोई भविष्य नहीं है। सोमवार की सुबह-सुबह पार्टी प्रवक्ता आसितनाथ तिवारी ने प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अखिलेश सिंह को अपना त्याग-पत्र भेज दिया।
उन्होंने इस्तीफे का कारण पर्सनल कहा है लेकिन सूत्रों की मानें तो असितनाथ तिवारी बिहार कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली से नाखुश थे। वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र से संभावित उम्मीदवार के रूप में असितनाथ तिवारी का पैनल में नाम भी गया था लेकिन बाद में प्रदेश कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी राजनीति के कारण उनका नाम हटा दिया गया। इसके बाद से ही तिवारी नाखुश चल रहे थे। भागलपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के दो उम्मीदवारों में खीचतान चल रही है। अजीत शर्मा के बाद प्रवीण कुशवाहा भी भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी मजबूत करते नजर आ रहे हैं। इस लोकसभा सीट पर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा निर्णय करना थोड़ा कठिन दिख रहा है। हालांकि निर्णय मल्लिकार्जुन खड़गे को करना है और देखना होगा पार्टी भागलपुर लोकसभा सीट से किसे चुनाव लड़वाती है।