बिहार

Bihar : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री से की ये अपील

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों को आधार बनाकर पीएम नरेंद मोदी से बिहार को को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग की है. दो अक्टूबर को जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी करने के बाद इसी महीने बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में गवर्नमेंट ने आरक्षण बढ़ाने का प्रस्ताव लाया और दोनों सदनों और गवर्नर की मुहर के बाद 21 नवंबर से इसे लागू भी कर दिया. इसके अगले दिन मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के जरिए पीएम से अपील की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो लिखा, वह ‘अमर उजाला’ आपको जस के तस पढ़ा रहा है.

क्या लिखा है मुख्यमंत्री ने, शब्दश: पढ़ें आगे

सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राष्ट्र में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है. जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिये आरक्षण सीमा को 16 फीसदी से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षण की सीमा को 1 फीसदी से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 18 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी तथा पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है अर्थात सामाजिक रूप से कमजोर तबकों के लिये आरक्षण सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया गया है. सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये 10 फीसदी आरक्षण पूर्ववत लागू रहेगा. अर्थात इन सभी वर्गो के लिए कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया गया है.

2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी

सीएम ने आगे लिखा कि जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाये गये हैं, उन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार हेतु 2 लाख रुपये तक की राशि किश्तों में मौजूद करायी जायेगी. 63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन क्रय के लिए दी जा रही 60 हजार रूपये की राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है. साथ ही इन परिवारों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये दिये जायेंगे. जो 39 लाख परिवार झोपड़ियों में रह रहे हैं उन्हें भी पक्का मकान उपलब्ध कराया जायेगा जिसके लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रुपये की रेट से राशि मौजूद करायी जायेगी. सतत् जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत अत्यंत निर्धन परिवारों की सहायता के लिए अब 01 लाख रुपये के बदले 02 लाख रुपये दिये जायेंगे. इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी.  इन कामों के लिये काफी बड़ी राशि की जरूरत होने के कारण इन्हें 5 वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

केन्द्र गवर्नमेंट बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे

सीएम नीतीश कुमार ने लिखा कि यदि केन्द्र गवर्नमेंट द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो हम इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे. हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग साल 2010 से ही कर रहे हैं. इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गांधी मैदान में तथा 17 मार्च, 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार रैली भी की थी. हमारी माँग पर तत्कालीन केन्द्र गवर्नमेंट ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र गवर्नमेंट ने इसके बारे में कुछ नहीं किया. मई, 2017 में भी हमलोगों ने विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र गवर्नमेंट को पत्र लिखा था. आज कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने हेतु केन्द्र गवर्नमेंट से निवेदन करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. मेरा निवेदन है कि बिहार के लोगों के भलाई को ध्यान में रखते हुये केन्द्र गवर्नमेंट बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे.

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