बिहार में डायरिया बनी नयी मुसीबत, जानिए वजह और बचाव के उपाय
बिहार में इन दिनों डायरिया एक नई मुसीबत बनकर सामने आ चुकी है। एक तरफ जहां बाढ़ चुनौती बनी हुई है और नदियों का जलस्तर कम और अधिक हो रहा है वहीं दूसरी ओर डेंगू के साथ ही डायरिया भी लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। बक्सर के डुमरांव में हरियाणा फार्म के एमपीटीसी कैंप में करीब एक दर्जन लोग डायरिया की चपेट में आकर बीमार पड़ गये। कैमूर और मुंगेर समेत कई अन्य जिलों में भी डायरिया के मुद्दे तेजी से बढ़े।
हाल की घटनाएं।।
कैमूर के मोहनिया थाना क्षेत्र के केशवपुर गांव में डायरिया का प्रकोप पिछले दिनों फैला। जब एक ही परिवार के सात लोग इसकी चपेट में आ गए। सात वर्ष की एक बच्ची की मृत्यु भी हो गयी। अचानक इस परिवार के सदस्यों को दस्त और उल्टी होने लगी। एक बच्ची ने दम तोड़ दिया। शीघ्र में सबको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उधर कुछ दिनों पहले मुंगेर में डायरिया के रोगियों की संख्या अचानक बढ़ने लगी। सदर हॉस्पिटल में रोगी अधिक संख्या में भर्ती होने लगे। प्रतिदिन बड़ी तादाद में डायरिया के रोगी मुंगेर में इस महीने भर्ती हुए हैं।
डायरिया बढ़ने के कारण और उपाय
डॉक्टर बताते हैं कि वर्तमान मौसम और दूषित जल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल रहा है।बीते लगभग एक माह से डायरिया का प्रकोप बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। इन दिनों हॉस्पिटल आने वाले रोगी उल्टी, दस्त और पेट दर्द से परेशान हैं। अभी बारिश का मौसम है। किन्तु एक ओर मामूली बारिश हो रही है। दूसरी ओर उमस भरी गर्मी पड़ने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। बारिश के कारण दूषित पानी और खानपान का संक्रमण तेजी से होने लगता है।आमतौर पर ऐसे रोगियों को 24 घंटों में 5 से 7 पतले दस्त होते हैं। इसके साथ पेट के निचले हिस्से में बहुत तेज दर्द होता है। यह हल्के या तेज मरोड़ के रूप में हो सकता है।चिकित्सक सुझाव देते हैं कि डायरिया में बेहतर होगा कि ठोस आहार जैसे रोटी,दाल और चावल खाने की बजाय तरल चीजों का सेवन अधिक किया करें।
काम ऑयल और मसाला का करें उपयोग
चिकित्सक सुझाव देते हैं कि लोग अभी कम ऑयल मसाले वाली सब्जियां खाएं। एक साथ पेट भर कर खाना खाने की स्थान पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं। दही और छाछ में भुना हुआ जीरा और काला नमक डालकर सेवन करें।इससे पाचन क्षमता बढ़ती है और पेट में विकार होने की संभावनाएं घट जाती है। साथ ही बोला कि डायरिया कभी-कभी जानलेवा भी हो जाती है। इसलिए डायरिया से परेशान रोगियों को तुरंत चिकित्सकीय राय लेने की जरूरत होती है।