महिला कॉलेज के इस प्रशासनिक विवाद में पिस रही नामांकित छात्राएं
एजुकेशन रिपोर्टर|बेतिया शहर की एक मात्र स्त्री डिग्री कॉलेज महेश्वरनाथ महामाया स्त्री कॉलेज का विवादों से दामन नहीं छुट रहा है. स्त्री कॉलेज के इस प्रशासनिक टकराव में उसमें नामांकित छात्राएं पिस रही हैं. उनके शैक्षणिक माहौल पर इस टकराव का प्रतिकूल असर पड़ रहा है. ताज़ा मुद्दा महाविद्यालय के दो प्राचार्यों के आपसी टकराव का है. जिसकी वजह से महाविद्यालय की डिग्री टू की 1150 छात्राओं के परीक्षा फॉर्म भरने पर संकट उत्पन्न हो गया है. यूनिवर्सिटी ने डिग्री टू की परीक्षा फार्म भरने की तिथि 18 से 30 मार्च तक घोषित कर दी है. लेकिन स्त्री कॉलेज में अभी इसकी कोई सरगर्मी नहीं दिख रही. जबकि शहर के ही अन्य डिग्री कॉलेजों में परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है. लेकिन स्त्री कॉलेज की छात्राएं अभी परीक्षा फॉर्म भरने के लिए भटक रही हैं. शहर का स्त्री कॉलेज वैसे तो दशकों से टकराव का केंद्र बिंदु बनता रहा है. लेकिन ताजा टकराव दो-दो प्राचार्य का है.जिसकी वजह से महाविद्यालय महीनों से टकराव और बल आजमाइश का अखाड़ा बना हुआ है. इसकी वजह से करीब दो माह से प्राचार्य कक्ष में दो-दो ताला जड़ा हुआ है. कॉलेज के प्राचार्य पद पर प्रो।(डॉ।) शशि भूषण प्रसाद श्रीवास्तव और प्रो। (डॉ।) सिम्मी सिन्हा की दावेदारी का फैसला बीते 10 जनवरी 2024 से अब तक नहीं हो पाया है. दोनों पक्ष की जोरदार दावेदारी के बीच यूनिवर्सिटी प्रशासन के स्तर पर अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है. जिसके रिज़ल्ट स्वरूप कॉलेज के प्राचार्य कक्ष में बीते करीब दो माह से दोनों दावेदार प्राचार्यों के द्वारा अपना-अपना ताला जड़ दिया गया है. 10 जनवरी को प्रो। (डॉ।) शशि भूषण प्रसाद श्रीवास्तव के प्राचार्य पद पर सहयोग के विरोध में प्रो। (डॉ।) सिम्मी सिन्हा के आवेदन पर यूनिवर्सिटी के कुल सचिव प्रो।(डॉ।) संजय कुमार के 22 जनवरी को अपने स्तर से जारी शशि भूषण प्रसाद श्रीवास्तव को प्राचार्य बनाने के नोटिफिकेशन के खिलाफ एक शुद्धि पत्र जारी कर प्राचार्य नियुक्ति का निवेदन कॉलेज की व्यवस्था समिति के स्तर से करने का नया नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन स्तर से अधिसूचित व्यवस्था समिति संयोजक की अध्यक्षता में यूनिवर्सिटी में ही व्यवस्था समिति की बैठक 27 जनवरी को ही हो गई. प्रो। (डॉ।) शशि भूषण प्रसाद श्रीवास्तव की माने तो कॉलेज की पांच सदस्यीय व्यवस्था समिति की यूनिवर्सिटी परिसर में संपन्न बैठक में बतौर प्राचार्य वे स्वयं और एक अन्य सदस्य शामिल रहीं. वहीं प्रो। सिन्हा के मुताबिक पांच सदस्यीय व्यवस्था समिति में उनके सहित तीन सदस्य की बहुमत वाली बैठक में उनको प्राचार्य मनोनीत करते हुए नयी अधिसूचना जारी कर दी गई. जबकि व्यवस्था समिति के तत्कालीन सदस्य और यूनिवर्सिटी संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो।(डॉ) मनोज कुमार बताते हैं कि उक्त बैठक की उन्हें सूचना तक नहीं दी गई थी. जिसको लेकर उन्होंने आश्चर्य भी व्यक्त किया. इधर व्यवस्था समिति के उक्त फैसला के करीब दो माह बाद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन के स्तर से उक्त फैसला पर सहमति या स्वीकृति अब तक अप्राप्त है. इधर बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी मुजफ्फरपुर के महाविद्यालय निरीक्षक प्रो। (डॉ) प्रमोद कुमार ने बोला कि किसी भी स्थिति में कॉलेज की छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. अभी वे मुख्यालय से बाहर हैं. 23 मार्च को लौटने के बाद परेशानी के निदान की दिशा में पहल की जाएगी. ^ स्नातक पार्ट टू का परीक्षा फॉर्म 27 से 30 मार्च तक भरा जाएगा. छात्राओं को इसकी सूचना दी जा रही है. उन्हें कोई कठिनाई नहीं होगी. -प्रो (डॉ) शशिभूषण श्रीवास्तव , प्राचार्य ^ प्राचार्य टकराव से विकास कार्य ठप है. छात्राओं के सभी काम हो रहे है. उन्हें कोई कठिनाई नहीं होगी. परीक्षा फॉर्म भी जल्द भरवाया जाएगा. -प्रो (डॉ) सिम्मी सिन्हा, प्राचार्य