कम लागत में किसानों को अच्छा मुनाफा, इस सब्जी की खेती से
परंपरागत खेती में अधिक फायदा नहीं होता देख अब बड़े पैमाने पर किसान सब्जी की खेती करने लगे हैं। इसमें कम लागत में किसानों को अच्छा फायदा हो जाता है। सब्जी की खेती के दौरान जब फलन प्रारम्भ होता है, तो अक्सर खेत पर ही व्यापारी सब्जी खरीदने आ जाते हैं। वैशाली जिले में भी इन दिनों परंपरा खेती छोड़ किसान सब्जी की खेती पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। यहां के लालगंज प्रखंड के मलंग गांव निवासी युवा किसान विक्की सिंह ने इन दिनों एक एकड़ में करेला की खेती की है। इससे उन्हें अच्छा फायदा हो रहा है।
विक्की सिंह बताते हैं कि अब फलन प्रारम्भ है। वह रोजाना खेत से दो क्विंटल से अधिक करेला तोड़ते हैं। जिसे मंडी में 20 से 22 रुपए किलो तक में बेच लेते हैं। इसमें खर्च काटकर 2500 रुपए का फायदा हो जाता है। विक्की की माने तो मलंग गांव के 80 प्रतिशत किसान सब्जी की खेती पर निर्भर हैं। अभी सब्जी का मेन सीजन चल रहा है। किसी के खेत में गोभी लगा हुई है, तो किसी की खेत में करेला, कद्दू, बोरो। यही कारण है कि यहां सब्जी के थोक व्यापारी भी सब्जी खरीदने आते हैं। दर ठीक नहीं लगाने पर हमलोग मंडी भी चले जाते हैं।
80 दिन में प्रारम्भ हो जाता है फलन
विक्की बताते हैं कि करेले की खेती के लिए सबसे पहले नर्सरी में बीज लगाया जाता है। इसके 30 दिन बाद जब पौधे बड़े होने लगते हैं, तो उन्हें उखाड़कर तैयार खेत में लगाया जाता है। इसके 50 दिन बाद पौधे में फलन प्रारम्भ हो जाती है। वह बताते हैं कि करेला छह माह की फसल होती है। 6 महीने में एक एकड़ में 3 लाख से अधिक रुपए का फायदा हो जाता है। विक्की बताते हैं कि हम लोग सब्जी की ही खेती करते हैं। इसमें ही मेहनत से अच्छा फायदा कमाते हैं। वह कहते हैं कि घर से बाहर जाकर जॉब करने से अच्छा है कि अपना काम कर अच्छा पैसा कमाएं।