पूर्व सांसद ने नीतीश कुमार को कह दी बड़ी बात
पूर्व सांसद अरुण कुमार ने बोला कि आम गरीब लोग नहीं जानते हैं. दूसरे राज्यों की अपेक्षा किसानों को कम मुआवजा मिल रहा है. ऐसे कई चुनौतियां थी इसके कारण हमने नीतीश के सामने घुटने नहीं टेका है. कई प्रयोग हमने किया है.कुछ लोग कहते है पार्टी बदल लेते है पद छोड़ देते हैं. हमने सत्ता के लिए नही सत्ता जब बौड़ाती है तो पार्टी को लात मारकर नयी पार्टी का निर्माण करते है. सत्ता के लिए तो नीतीश कुमार बदलते हैं हमने कभी सत्ता के लिए नहीं बदला है यदि सत्ता के लिए बदलती तो हम नीतीश कुमार के नाक का बाल थे. बिहार में हमारे इशारे पर गवर्नमेंट और मंत्री बनती थी. लेकिन, इनको जब चाटुकारों ने घेर लिया तो हमे यह प्रयोग करना पड़ा. जब संकट के समय में चिराग पासवान के साथ खड़ा थे. चिराग पासवान ने घुटना टेक दिया. नवादा या जहानाबाद सीट से समझौता नहीं होने की बात बोला था. लेकिन न नवादा मिला और न जहानाबाद.
जब जातीय स्वाभिमान पर चोट हुआ, तब विरुद्ध में बोला
पूर्व सांसद ने इल्जाम लगाया कि नीतीश कुमार ने जो चाहा वह हुआ. हम दलितों और वंचितों के साथ हैं. हमारी लड़ाई से हड़कंप मची है क्या? होगा यह हम नहीं जानते लेकिन हम नंबर वन पर हैं. जब हमारी जातीय स्वाभिमान पर चोट आता है तभी नीतीश के विरुद्ध में बोलने का काम किया है. मैंने नकली डॉक्टरेट नहीं की है. गरीबों के लिए लड़ता हूं. गरीब यदि एंबुलेंस से बड़े शहरों में जाता है तो उसके रोगियों को बेच दिया जाता है. 1100 करोड़ रुपए का ठेका 1600 करोड़ रुपया बनाकर दिया. पटना उच्च न्यायालय के साथ साथ उच्चतम न्यायालय ने भी इसे रिजेक्ट किया है.
नीतीश कुमार जनता के टैक्स के पैसे को लूटा रहे हैं
पूर्व सांसद ने इल्जाम लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के टैक्स के पैसे को लूटा रहे हैं और उसी के एवज में ऐसे आदमी को टिकट दे रहे हैं जो भ्रष्टाचार नंबर वन है. हमे उस आदमी से झगड़ा नहीं है हमको नीतीश कुमार से झगड़ा है. मुजफ्फरपुर बालिक गृह काण्ड के समय नीतीश कुमार के साथ थे. तब भी विरोध किया था. कुकर्म करने वाले के बेटे के जन्मदिन के पार्टी में शामिल होते हैं. नीतीश कुमार को सत्ता पर बैठाने में हमारी जवानी गई है. यहां गरीबों का उत्पीड़न हो रहा है और सामाजिक इन्साफ की बात करते हैं. हम भी सिर में कफन बांधे हैं कि घुटने नहीं टेकेंगे. इसलिए बीएसपी से ताकत मिली है. अरुण कुमार कमीशन नहीं लेता, फंड नहीं बेचता, जॉब के नाम पर ठगता नहीं है लेकीन यदि इन अपराधियों का अगुवाई करेगा तो अरुण कुमार छाती इस विरोध करेगा.
मेरे न मछली और न ही मंगलसूत्र मामला है
पूर्व सांसद अरुण कुमार ने बोला कि न मंगलसूत्र, न मछली का मामला है मेरे पास जनहित का मामला है. मैं सनातनी हूं लेकिन सेक्युलरिज्म का भी बहुत बड़ा समर्थक हूं. जाति और धर्म के मामले से ऊपर उठकर हमने काम किया है. हमारे कार्यकाल में अतरी विधानसभा को 400 करोड़ नीति आयोग से मिला था. पहले यहां पेपर पर रोड बनता था. मैं काम करता हूं न मैं मंगलसूत्र में फंसा हूं और न गैर डेटेड कोई विवाह कर रहा हो, कोई मछली खा रहा हो तो मैं उस पर राजनीत नहीं करता हूं. सनातनी हूं प्रोगेसिव हूं. राम के चरित्र को अपने जीवन में उतारना चाहता हूं ताकि जनता को कुछ खुशी मिलें.