चार लाख मछली को महानंदा नदी में छोड़ा, मछुवारों से की ये अपील…
पूर्णिया जिला के महानंदा नदी के तट पर बिहार राज्य सरकार योजना के तहत गंगा नदी तंत्र एवं उनके सहायक नदियों में रिवर रैचिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं इस आयोजन में 4 लाख से अधिक मछलियों के अंगुलिका को नदी में छोड़ा गया है. ये सभी मछली जब बड़ी हो जाएंगी, तो यह मछुवारों के आय स्रोत का साधन बनेगी.
जानकारी देते हुए पूर्णिया जिला के मत्स्य पदाधिकारी लाल बहादुर सैफी ने कहा कि मछुआरों की आर्थिक आमदनी बढ़ाने के लिए नदी में लगभग चार लाख मछली को महानंदा नदी में छोड़ागया है. उन्होंने कहा कि मछुवारों कोआर्थिक समस्या ना हो इसके लिए राज्य सरकार के द्वारा रिवर रैचिंग कार्यक्रम के तहत मछली के अंगुलिका को नदी में प्रवाहित किया गया. छोड़ी गई मछली में कतला, रेहू और मिरका हैं.
मछुआरों से की गई यह अपील
मुख्य अतिथि जिलाधिकारी कुंदन कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी लाल बहादुर शेफी, उपनिदेशक पूर्णिया प्रक्षेत्र के आभाष चंद्र मंडल, बायसी एसडीओ कुमारी तोशी, पूर्णिया डीडीसी ने मछुवारों के सामने 4 लाख मछली को नदी में छोड़ा. वहीं मौके पर मौजूद 100 से अधिक मछुआरों को जिलाधिकारी वजिला मत्स्य विभाग के संबंधित अधिकारियों ने अपील करते हुए कहा मानसून के महीने में मछली को ना मारे.
छोटी-छोटी मछली को ना पकड़ें. उन्हें आय का साधन न बनाएं. अगर आप एक मछली को नदी या तालाब में बड़ा होने के लिए छोड़ते हैं, तो वह मछली बड़ी होकर तकरीबन 1 लाख से अधिक मछली के बच्चे को जन्म देगी. जिससे आने वाले समय में मछुआरों को मछली पकड़ने में और बाजार में बेच कर आय के स्रोत बनेगी.
मछुवारों से की अपील…रखें नदी को साफ
सभी मछुआरा भाइयों से अपील करते हुए कहा कि आप मछली का ध्यान जरूर रखें. इससे पहले हमें उन नदियों और तालाब का भी विशेष रूप से ध्यान रखना जरूरी होगा. जिसमें हमारी मछली पलती है. मछली जल की रानी है, इसलिए जल को दूषित न होने दें. जल को गंदा न होने दें, साथ ही साथ जल को और नदी तालाब को जब हम स्वस्थ रखेंगे, तो मछली भी निश्चित तौर पर स्वस्थ और ज्यादा उत्पादन देगी.
मछुवारों ने भी लिया संकल्प रखेंगे नदियों को साफ
वहीं रिवर रैचिंग कार्यक्रम में आए बायसी के स्थानीय मछुआरों ने सरकार की इस पहल की खूब सराहना की. साथ ही साथ सभी मछुवारो में खुशी का माहौल भी देखा गया. मौजूद सभी मछुआरों ने नदियों को स्वस्थ और साफ सुथरा बनाए रखने का भी संकल्प लिया.