बिहार

सरकार मरीजों की निरंतर जांच कर मुफ्त में दवा उपलब्ध कराने का दावा

समशुल अंसारी, गिरिडीह एक तरफ गवर्नमेंट राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम चला रही है टीबी हारेगा-देश जीतेगा सरीखे बैनर पोस्टर लगाकर व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है गवर्नमेंट रोगियों की लगातार जांच कर निःशुल्क में दवा मौजूद कराने का दावा कर रही है, लेकिन दूसरी ओर गिरिडीह जिले में पिछले तीन महीने से टीबी की दवा नहीं है विभाग को पत्राचार किये जाने के बाद भी दवा मौजूद नहीं होने के कारण रोगी प्राइवेट में दवा खरीद कर जान बचाने को विवश हैं टीबी रोगी के पांच लक्षण होते हैं दो हफ्ते से अधिक खांसी, छाती में दर्द, रात में बुखार और बुखार के साथ पसीना आना, भूख न लगना और बलगम के साथ खून आना इसके मुख्य लक्ष्मण है इसकी जांच के लिये पीएचसी-सीएचसी और सदर हॉस्पिटल में टीबी यूनिट का संचालित है यहां बलगम जांच की जाती है इतना ही नहीं टीबी ट्रीटमेंट सपोर्ट के लिए रोगियों को ओटीबी की दवा के लिए एक हजार एवं डीआर टीबी की दवा के लिए पांच हजार भुगतान का भी प्रावधान है इसके अतिरिक्त डीबीटी के माध्यम से निक्षय पोषण योजना के अनुसार प्रति रोगी को 500 रुपये भी दिया जाता है वर्तमान में जिले में 935 टीबी रोगी हैं इन रोगियों को पिछले तीन माह से टीबी की दवा नहीं मिल रही है

सीएचसी गांडेय में है ट्रूनेट मशीन से जांच की सुविधा

सीएचसी गांडेय में स्थापित एसटीएलएस वरुण कुमार सिंह (टीबी यूनिट) ने बोला कि यहां ट्रूनेट मशीन से जांच की सुविधा मौजूद है बीते साल कुछ रोगियों को सांसद अन्नपूर्णा देवी और गांडेय के तत्कालीन थाना प्रभारी हसनैन अंसारी ने गोद भी लिया था बोला कि बीते कुछ माह से टीबी की दवा के अभाव में रोगी परेशान हैं विभाग से पत्राचार किया गया है

दवा की कमी है : जिला यक्ष्मा पदाधिकारी

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रेखा झा ने बोला कि यक्ष्मा उन्मूलन की दिशा में विभाग लगातार कार्य कर रहा है दो-तीन महीने से टीबी की दवा का आवंटन नहीं हुआ है विभाग से पत्राचार किया गया है दवा का आवंटन होते ही रोगियों के बीच वितरण किया जायेगा

कहां कितने हैं मरीज

प्रखंड – मरीजबगोदर – 36बेंगाबाद – 56

बिरनी – 57देवरी – 36

गिरिडीह(डीटीसी) – 375डुमरी – 65

गांडेय – 65गावां – 26

जमुआ – 86पीरटांड़ – 44

राजधनवार – 43सरिया – 11

तिसरी – 41

 

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