बिहार

यहां किन्नर भी रखते हैं छठ का व्रत, जानें ये अद्भुत कहानी

छठ का व्रत यूं तो हर कोई अपने परिवार की समृद्धि और खुशी के लिए रहता है. लेकिन सेवराई क्षेत्र में एक किन्नर भी इस व्रत को पूरे रीति रिवाज और परंपरा के साथ पिछले कई सालों से रखता आ रहा हैं. यहां की किन्नर नहाय खाय के साथ छठ व्रत करते हैं.

आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारी के लेकर जहां आम जनमानस में उल्लास बना हुआ है. वहीं तहसील क्षेत्र में निवास कर रही किन्नरों के द्वारा भी बीते एक दशक से छठ पूजा किया जाता है.

किन्नर बड़े ही धूमधाम से पूरे विधि विधान पूर्वक मुश्किल निर्जला व्रत रखते हुए क्षेत्र के लोगों के शांति सुख समृद्धि एवं स्वस्थ्य रहने की मनोकामनाओं के साथ आस्था चलगामी और उदयागामी सूर्य को अर्घ देकर प्रार्थना करते हैं. किन्नर गुरु हिना ने अपने जजमान (क्षेत्रवासियों) के कुशल मंगल एवं उनके सुख समृद्धि के लिए मुश्किल छठ व्रत प्रारम्भ किया गया था. कुछ सालों बाद किन्नर गुरु हिना की तबीयत खराब होने के बाद उनके शिष्य सोनी किन्नर ने छठ व्रत करना प्रारम्भ किया. करीब 10 सालों से लगातार किन्नर समुदाय के द्वारा छठ व्रत किया जा रहा है. किन्नर रोशनी ने कहा कि क्षेत्र के लोगों के सुख शांति समृद्धि एवं निरोगी काया की कामना लिए हम अपने यजमानों के मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए गुरु हिना किन्नर के निर्देश पर छठ व्रत करते हैं. छठ करने के लिए हम यजमानों से ही चंदा इकट्ठा करते हैं और आम स्त्रियों की ही तरह मुश्किल निर्जला व्रत रखकर छठ पूजा की जाती हैं. सोनी किन्नर ने कहा कि वह यजमानों और उनके बच्चों की सलामती, खुशहाली के लिए मुश्किल व्रत परंपरा को निभा रही हैं.

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