कैमूर : यहाँ के पकौड़े का स्वाद है लाजवाब,रोजाना 20 किलो तक है खपत
कैमूर। पकौड़े जैसे चटपटी रेसिपी को हर सीजन में लोग खाना पसंद करते हैं। पकौड़े हर घर में बनाए और पसंद किए जाते है, और ज्यादातर घरों में बेसन और प्याज को मिक्स कर बनाया जाता है। वहीं, कई स्थानों पर बगैर लहसुन-प्याज के भी पकोड़े बनाए जाते है। सर्दी में गरमा-गरम पकोड़े खाने का किसका मन नहीं करता होगा। यदि गोभी के साथ अन्य सिजनली गरमा-गरम पकौड़े खाना चाहते हैं, तो आपको भगवानपुर प्रखंड स्थित मां मुंडेश्वरी-रामगढ़ वाले मुख्य रास्ते में इस दुकान पर आना होगा। यहां शिव बच्चन सिंह लोगों को पिछले 24 वर्ष से गरमा-गरम गोभी के साथ अन्य सीजनली सब्जियों के पकौड़े खिलाते आ रहे हैं।
पकौड़े का स्वाद है लाजबाब
शिव बच्चन की दुकान में आपको सामान्य पकोड़े के अतिरिक्त आलू, प्याज, और अन्य सीजनली सब्जियों से बने पकोड़े भी खाने को मिलेंगे। बेसन और भुना हुआ जीरा से बनने वाले पकोड़े अधिक क्रंची और टेस्टी होने के चलते लोग चाव से खाते हैं। शिव बच्चन ने कहा कि शाम के समय नाश्ते के लिए लोग यहां पकौड़े खाने का प्रतीक्षा करते हैं। मां मुंडेश्वरी के दर्शन करने आने वाले लोग यहां से पकौड़े खाकर जाते हैं। यहां बिहार हीं नहीं बल्कि राष्ट्र के भिन्न-भिन्न राज्यों से लोग मां मुंडेश्वरी के दर्शन करने आते हैं। पकौड़े खाने आए ग्राहकों ने कहा कि यहां के मसालेदार और चटपटे गोभी के पकोड़े का स्वाद बहुत लाजवाब है। अभी गोभी का सीजन चल रहा है, इसलिए शाम के समय लोगों को उनका पसंदीदा गरमा-गरम गोभी के पकौड़े का लुफ्त उठा रहे हैं।
20 किलो तक प्रतिदिन मसालेदार पकौड़े की है खपत
शिव बच्चन सिंह ने कहा कि एक किलो मसालेदार पकौड़े की मूल्य 140 रुपए है। प्रतिदिन इस दुकान पर लगभग 15 से 20 किलो मसालेदार पकोड़े की खपत होती है। लाल चटनी के साथ लोगों को पकोड़े खाने देते हैं। पकोड़े बनाने की प्रक्रिया को लेकर दुकानदार ने कहा कि सबसे पहले गोभी को अच्छी तरह से धोकर छोटा-छोटा काटा जाता है। इसके बाद बेसन में भुना हुआ जीरा, सौंप और इलायची को मिक्स किया जाता है। वहीं, आखिर में हल्दी और भिन्न-भिन्न मसाले मिलाने के बाद गोभी को अच्छी तरह से मिलाया जाता है। इसके बाद गर्म ऑयल में पकोड़े को छानकर लाल चटनी के साथ गरमा-गरम ग्राहकों को परोसते हैं।