लालू यादव ने मतदाताओं से बीजेपी के खिलाफ एकजुट रहने की अपील की, कहा…
पटना। आनें वाले 7 मई को तीसरे चरण के मतदान के पहले बिहार में एक बार फिर से संविधान को लेकर चुनावी घमासान छिड़ गया है। लालू यादव ने छपरा में जनसभा को संबोधित करते हुए पहली बार खुले मंच से संविधान बचाने की बात कहते हुए भाजपा के विरुद्ध एकजुट रहने की अपील अपने मतदाताओं से की है। इतना ही नहीं लालू ने 2015 के विधानसभा चुनाव की तर्ज पर भाजपा के ऊपर इल्जाम लगाया है कि वह आरक्षण समाप्त करना चाहती है। इसके उत्तर में अब भाजपा बड़ी रणनीति के अनुसार मैदान में उतर गई है। आरक्षण और संविधान को चुनावी मामला बनाने में लालू यादव की चाल का भाजपा करारा उत्तर देने में लगी है।
बिहार में संविधान पर हो रही राजनीति के बीच भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने महागठबंधन पर धावा बोलते हुए बोला कि बार बार कांग्रेस, लालू यादव, तेजस्वी यादव एक ही राग अलाप रहे हैं, भाजपा संविधान बदल देगी। यह उनकी हताशा है क्योंकि बोलने के लिए कुछ बचा नहीं है। 10 वर्ष से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी हैं क्या संविधान को छुआ है। लालू यादव और कांग्रेस पार्टी की साठ गांठ है, इन्होंने 90 बार राष्ट्रपति शासन लगाया। अकेले इंदिरा गांधी ने 50 बार राष्ट्रपति शासन लगाया। संविधान यदि असुरक्षित है तो कांग्रेस पार्टी और उनके साथ खड़े लोगों के कारण। हम सभी आरक्षण के पक्षधर हैं। एससी-एसटी, ओबीसी का आरक्षण हमेशा रहेगा। हिंदुस्तान के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं है। हेरिटेज टैक्स और अन्य टैक्स कब का समाप्त हो गया। यह राहुल गांधी की नक्सली सोच है।
महागठबंधन की रणनीति के आगे खड़े नीतीश कुमार
दरअसल, बिहार में संविधान को मामला बनाकर महागठबंधन के नेता आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी उनकी हर चाल को असफल करने में लगी है। लालू प्रसाद यादव और पूरे महागठबंधन के कुनबे को एक ओर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी अमित शाह उत्तर दे रहे हैं तो दूसरी ओर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी मोर्चा खोल दिया है। नीतीश कुमार मजबूती से एनडीए के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं और कहीं न कहीं बीजेपी के लिए महागठबंधन को उत्तर देने के लिए नीतीश कुमार अचूक हथियार भी साबित हो रहे हैं।
लालू प्रसाद यादव पर नीतीश कुमार का हमला
संविधान की दुहाई दे रहे लालू यादव पर धावा करते हुए नीतीश कुमार ने बोला कि बिहार में जिनको मौका मिला उन्होंने क्या किया। अपनी स्थान अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। दो दो बेटी को लोक सभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया। ये केवल अपने परिवार के लिए कर रहे हैं, लेकिन हमारे लिए पूरा बिहार मेरा परिवार है। खास बात यह है कि नीतीश कुमार बिहार की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं, बल्कि पिछड़े वर्ग के सबसे आगे की कतार के नेताओं में से हैं। ऐसे में राजद के वार पर पलटवार करने में नीतीश कुमार अचूक हथियार साबित हो रहे हैं।