बिहार

मौसम विभाग ने बिहार में कुहासा व प्रदूषण को लेकर की बड़ा अलर्ट

Bihar Weather Report: बिहार में पिछले 7 दिनों तक झमाझम बारिश हुई और मौसम (Bihar Ka Mausam) अभी भी सुहाना बना हुआ है मानसून ने वापसी की तो पटना समेत अन्य जिलों में बारिश ने लोगों को राहत दी बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण 30 सितंबर से 6 अक्टूबर के बीच भागलपुर जिले में लगभग 230.8 मिलीमीटर झमाझम बारिश हुई शुक्रवार को बारिश का सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर पड़ चुका है शनिवार को कई जिलों में मौसम कूल बना रहा धूप के दर्शन अभी भी नहीं हुए हैं वैसे बारिश अब थम गयी है वहीं मौसम विभाग की ओर से ये जानकारी दी गयी है कि बारिश पूरी तरह से कब रूकेगी और धूप कब से खिल जाएगी वहीं कुहासा और प्रदूषण को लेकर भी बड़ा अलर्ट किया गया है

जानिए कब साफ होगा आसमान

भागलपुर में 8 से 12 अक्टूबर के बीच आसमान साफ रहने की आसार है इस दौरान बारिश नहीं होगी शुक्रवार को भी आसमान में दिन भर बादल छाये रहे हालांकि बारिश नहीं हुई दोपहर बाद आसमान धीरे-धीरे साफ होने लगा था देर शाम बूंदाबांदी कुछ जगहों पर हुई लेकिन जल्द ही ये थम गयी जिले का अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री रहा पूर्व दिशा से 9.8 किमी/घंटा की गति से हवा चलती रही 8 से 12 अक्टूबर के बीच पूर्वी हवा चलती रहेगी हवा की औसत गति 10 से 16 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है तापमान में मामूली वृद्धि हो सकती है शनिवार को मौसम खुशनुमा बना रहा बारिश नहीं हुई और मिठी धूप खिली रही

बिहार से मानसून की वापसी कब होगी?

बिहार से मानसून की वापसी कब होगी, इसके बारे में भी मौसम विभाग की ओर से जानकारी दी गयी है बीएयू के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अनुसार,भागलपुर समेत पूर्व बिहार, कोसी, सीमांचल और संथाल परगना से मानसून की वापसी 10 अक्टूबर तक संभव है सामान्य रूप से भागलपुर और आसपास के क्षेत्र से मानसूनी हवाएं इसी तिथि के आसपास वापस लौटती हैं लेकिन बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में हवा के कम दबाव से चक्रवातीय सिस्टम बनता है तो मानसून इस तिथि से एक हफ्ते विलंब से लौटता है मानसून की विदाई के बाद पछिया हवा सक्रिय हो जायेगा

कुहासा और प्रदूषण को लेकर क्या है अलर्ट?

मानसून की विदाई के साथ ही अक्टूबर मध्य तक रात का तापमान कम होना प्रारम्भ हो जायेगा अब तक बारिश के कारण वातावरण में धूलकण की मात्रा कम थी जैसे-जैसे हवा में धूलकण की मात्रा बढ़ेगी, कुहरा और कुहासे के साथ हवा प्रदूषण स्तर भी धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा हिंदुस्तान मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक इस साल पूर्व हिंदुस्तान में कुहासे के साथ-साथ ठंडक भी अधिक रहेगी

किसानों के लिए क्या है सलाह?

लगातार हुई बारिश से किसानों को भी निराश होना पड़ा है अधिकांश जगहों पर धान की फसल जलमग्न है किसानों के धान का खेत पानी में डूब गया है किसानों ने बोला कि पहले पपीता की खेती बर्बाद हो गयी थी और अब धान की खेती को अतिवृष्टि का दंश झेलना पड़ रहा है वहीं मौसम विभाग ने किसानों को भी महत्वपूर्ण राय दी है बीएयू भागलपुर के मौसम विभाग के एक्सपर्ट की राय है कि किसान फसलों में जरूरत मुताबिक सिंचाई कर सकते हैं हवा की गति कम रहने पर फसल में यूरिया डाल सकते है वहीं दवा का छिड़काव कर सकते हैं सब्जियों के खेतों से अतिरिक्त पानी के निकलने की प्रबंध करें

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