पति की मौत के बाद घर में नहीं थे पैसे, पत्नी ने ₹3 हजार से शुरू किया काम, और आज…
पति की असामयिक मृत्यु के बाद अक्सर महिलाएं टूट जाती हैं। इससे उनका पूरा परिवार बिखर जाता है। लेकिन, जिन स्त्रियों का हौसला बुलंद होता है, वह न केवल अपने पैरों पर खड़ी हो जाती है, बल्कि बच्चों की अच्छी परवरिश भी करती हैं। ऐसी ही एक स्त्री हैं आरा प्रखंड भीतर निर्मलपुर गांव की स्व। पवन कुमार की पत्नी धर्मशीला देवी। वर्ष 2019 में पति की असामयिक मृत्यु के बाद महज 3 हजार रुपए से एक छोटी सी दुकान प्रारम्भ की। आज वह तीन भिन्न-भिन्न उद्योग चला रही हैं। चार बेटियों को बेहतर शिक्षा देने के साथ ही महीने के 30 हजार कमा भी रही हैं।
धर्मशीला देवी के पति की मृत्यु वर्ष 2019 में अचानक हो गई। इसके बाद तो घर में आर्थिक तंगी का पहाड़ टूट गया। मृतक पवन कुमार अपने पीछे चार बेटी और पत्नी को छोड़कर चले गए। इसके बाद चारों बेटियों की परवरिश का जिम्मा स्वयं धर्मशीला देवी ने उठा लिया। मात्र 3 हजार रुपए की पूंजी से उन्होंने घर में ही श्रृंगार की दुकान खोल ली। धीरे-धीरे दुकान को बढ़ाती चली गई। बाद में ग्रामीणों के सपोर्ट से एक लाख का लोन ले लिया और बभनौली बाजार में बड़ी दुकान खोल ली। इसके बाद ब्यूटी पार्लर का काम सीख कर ब्यूटी पार्लर भी खोल लिया। साथ ही वह आसपास की दर्जनों लड़कियों को सिलाई का प्रशिक्षण भी देती है।
पति की मृत्यु के बाद नहीं था एक भी रुपया
धर्मशिला देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पति की मृत्यु के बाद घर चलाने के लिए 1 रुपया भी नहीं था। क्योंकि पति मजदूरी करते थे। रोज कमाना और रोज खाना होता था। इसके बाद मैंने स्वयं दुकान खोलकर अपनी चार बच्चियों की परवरिश का जिमा उठा लिया। अब अच्छे से सभी बच्चियों की पढ़ाई करा रही हूं। एक बेटी की विवाह भी कर चुकी हूं। दो बेटी हॉस्टल में पढ़ती है और एक मेरे साथ रहती है। धर्मशिला ने कहा कि घर के लोग यदि सपोर्ट कर देते तो कठिनाई कम होती। योगदान के बदले उनलोगों ने अकेला छोड़ दिया, लेकिन मैंने हौसला नहीं हारी।