इस देश में 25% घटी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री
नई दिल्ली। बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए पूरे विश्व में इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए कई राष्ट्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों के समर्थन में नीतियां बनाई गई हैं। इन नीतियों में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर मूल्य में छूट और सब्सिडी से लेकर ई-वाहन निर्माताओं के समर्थन में भी कई नीतियां बनाई गई हैं। हालांकि, कई तरह की समर्थन नीतियों के बावजूद कुछ राष्ट्रों में इलेक्ट्रिक कारों के प्रति लोगों की उत्सुकता में कमी देखी जा रही है।
शुक्रवार को जारी हुए बाजार रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया में पहली तिमाही में इलेक्ट्रिकल व्हीकल की बिक्री में 25 फीसद की गिरावट दर्ज की गई, जबकि गैसोलीन हाइब्रिड मॉडल की बिक्री में 46 फीसद की तेजी आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से लेकर मार्च तक इलेक्ट्रिक व्हीकल का रजिस्ट्रेशन पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 34,186 से गिरकर 25,550 तक आ गया। ऐसा पहली बार हुआ है जब इलेक्टिक व्हिकल की बिक्री में तेज गिरावट दर्ज की गई है।
हाइब्रिड कारों की बिक्री बड़ी
इसके विपरीत, पहली तिमाही में गैसोलीन हाइब्रिड गाड़ी की बिक्री एक वर्ष पहले के 68,249 से बढ़कर 99,832 इकाई हो गई। हालांकि मार्च तिमाही में गैसोलीन से चलने वाले वाहनों की बिक्री एक वर्ष पहले के 2,41,742 से 19 फीसदी गिरकर 1,96,472 इकाई रह गई।
डीजल कारों की भी बिक्री घटी
वहीं, डीजल कारों की मांग में भी गिरावट देखने को मिली है। डीजल कार की बिक्री में 56 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। उद्योग से जुड़े जानकारों ने संभावना व्यक्त किया है कि ऊंची कीमतों की वजह से इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री पूरे साल सुस्त बनी रह सकती है।
इलेक्ट्रिक कारों से क्यों हुआ मोहभंग?
हाल ही में इलेक्ट्रिक कारों में आग लगने के मामलों से लोग घबराए हुए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया में वर्ष 2020 और 2021 के दौरान पार्किंग या चार्जिंग में लगे इलेक्ट्रिक कारों में आग लगने के कई मुद्दे सामने आए थे। कुछ महीने पहले, हुंडई मोटर ने 13 इलेक्ट्रिक क्रॉसओवर वाहनों में आग लगने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेची गई 77,000 से अधिक कोना ईवी को वापस बुला लिया था। हुंडई और उसके बैटरी आपूर्तिकर्ता एलजी केम वापस बुलाने के कारणों को लेकर मतभेद में थे। हालांकि, बैटरी सेल निर्माता ने बैटरियों में धांधली से साफ़ मना कर दिया था।
इसके अलावा, इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशनों की कमी भी बड़ी मुसीबत बन रही है। इलेक्ट्रिक कारों की अधिक मूल्य और गाड़ी लोन पर बढ़ती ब्याज दरें भी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में बाधा बन रही हैं। वहीं, लोग चीन में बनी इलेक्ट्रिक कारों की क्वालिटी को लेकर भी विरोध जाता रहे हैं।
कुछ महीने पहले दक्षिण कोरिया में इलेक्ट्रिक कारों पर सब्सिडी को कम किया गया था जिसका सबसे बड़ा असर टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों की सेल पर दिखा. पूरे विश्व में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक कार बेचने वाली कंपनी टेस्ला जनवरी 2024 में दक्षिण कोरिया में सिर्फ़ 1 कार की बेच पाई थी।