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एआई से साइबर सुरक्षा चुनौतियां बढ़ सकती है कई गुना :गवर्नर शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बोला कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से साइबर सुरक्षा चुनौतियां कई गुना बढ़ सकती हैं इसके साथ ही उन्होंने वित्तीय संस्थानों से ग्राहक जानकारी की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए कहा दास ने यहां आरबीआई लोकपाल के वार्षिक सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में बोला कि विनियमित संस्थाएं वित्तीय लेनदेन, ग्राहक संपर्क और परिचालन गतिविधियों से जुड़े आंकड़ें अपने पास रखती हैं

डेटा विश्लेषण पर जोर 

उन्होंने बोला कि आंकड़ों के इस व्यापक भंडार में डेटा विश्लेषण के जरिए ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने का एक अनूठा अवसर निहित है दास ने बोला कि डेटा विश्लेषण की ताकत का इस्तेमाल करके विनियमित संस्थाएं ग्राहकों की जरूरतों का अच्छी तरह से अनुमान लगा सकती हैं, मुद्दों का तुरंत निवारण कर सकती हैं और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित कर सकती हैं उन्होंने बोला कि फर्जीवाड़ा वाले लेनदेन बढ़ने के साथ नज़र प्रणालियों को मजबूत करने और संभावित फर्जीवाड़ा का पता लगाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना जरूरी है दास ने बोला कि एआई के आने के साथ साइबर सुरक्षा संबंधी चुनौतियां कई गुना बढ़ सकती हैं इससे पर्सनल जानकारी तक अनधिकृत पहुंच कायम की जा सकती है, जो कंज़्यूमरों के भरोसे को प्रभावित कर सकता है

आरबीआई बना सबसे बेहतर जोखिम प्रबंधक

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बोला कि लंदन स्थित सेंट्रल बैंकिंग ने केंद्रीय बैंकिंग पुरस्कार 2024 के अनुसार उसे जोखिम प्रबंधक पुरस्कार के लिए चुना है रिजर्व बैंक ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘संगठन में एक नया उद्यम-व्यापी जोखिम प्रबंधन (ईआरएम) ढांचा तैयार करने के लिए आरबीआई को सेंट्रल बैंकिंग, लंदन ने केंद्रीय बैंकिंग पुरस्कार 2024 के अनुसार जोखिम प्रबंधक पुरस्कार के लिए चुना गया है’’ सेंट्रल बैंकिंग ने एक बयान में बोला कि 12,000 से अधिक कर्मचारियों वाले रिजर्व बैंक जैसे बड़े संगठन में एक नया ईआरएम ढांचा लागू करना सरल नहीं था केंद्रीय बैंक में आखिरी बार 2012 में ईआरएम ढांचा लागू किया गया था और अब इसे फिर से तैयार करना महत्वपूर्ण हो गया था

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