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एवरेस्ट के फिश करी मसाले पर उठे सवाल, खाद्य एजेंसी ने कहा…

भारत के चर्चित मसाला ब्रांड एवरेस्ट के ‘फिश करी’ मसाला को सिंगापुर में प्रतिबंधित कर दिया गया है. 18 अप्रैल को जारी एक बयान के मुताबिक सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने एवरेस्ट के ‘फिश करी’ मसाला को बाजार से वापस लेने का आदेश दिया. इल्जाम के अनुसार हिंदुस्तान से आयात होने वाले इस मसाले में पेस्टिसाइड यानी कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा आधिक पाई गई है, जो मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है. इस इल्जाम के बाद सिंगापुर खाद्य एजेंसी (एसएफए) ने मसाले के आयातक एसपी मुथैया एंड संस को उत्पादों को वापस लेने का निर्देश दिया है.

क्या बोला सिंगापुर की खाद्य एजेंसी ने

खाद्य एजेंसी ने बोला कि कीटनाशक भोजन में इस्तेमाल के लिए अधिकृत नहीं है. एजेंसी की ओर से आगे बोला गया है कि केमिकल कंपाउंड का इस्तेमाल माइक्रोबियल कंटेमिनेशन को रोकने के लिए किया जा सकता है. खाद्य एजेंसी के अनुसार एथिलीन ऑक्साइड के सेवन से लंबे समय में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

उपभोक्ताओं के लिए एडवाइजरी

खाद्य एजेंसी ने एडवाइजरी जारी करते हुए बोला है कि जिन कंज़्यूमरों ने मसाले की खरीदारी कर ली है, उन्हें राय दी जाती है कि इसका सेवन न करें. जिन लोगों ने इस तरह के मसाले का सेवन किया है और उन्हें अपने स्वास्थ्य को लेकर परेशानी है तो चिकित्सक से राय लेनी चाहिए. हालांकि, इस पूरे प्रकरण पर एवरेस्ट ने अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी है.

नेस्ले पर उठे सवाल

ये समाचार ऐसे समय में आई है जब हिंदुस्तान समेत दुनिया के एक बड़े हिस्से में मल्टीनेशनल एफएमसीजी कंपनी नेस्ले के बेबी फूड्स को लेकर प्रश्न खड़े हो रहे हैं. स्विट्जरलैंड के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि नेस्ले ने यूरोप के अपने बाजारों की तुलना में हिंदुस्तान सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों, अफ्रीकी तथा लैटिन अमेरिकी राष्ट्रों में अधिक शुगर वाले बेबी फूड्स बेचे. इस बीच नेस्ले इण्डिया ने दावा किया था कि उसने पिछले पांच सालों में हिंदुस्तान में शिशु आहार उत्पादों में चीनी में 30 फीसदी तक की कमी की है.

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