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गो फर्स्ट एयरलाइन की दिवाला प्रक्रिया के लिए डेडलाइन तीसरी बार बढ़ी

घरेलू एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट की ऋण निवारण प्रक्रिया यानी दिवाला प्रक्रिया  की डेडलाइन सोमवार को तीसरी बार आगे बढ़ा दिया गया है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बंद पड़ी एयरलाइन गो फर्स्ट की दिवाला प्रक्रिया को 60 दिन के लिए आगे बढ़ा दी. नए दौर में 4 अप्रैल से 3 जून तक का विस्तार दिया गया है. न्यायाधिकरण की दिल्ली स्थित दो सदस्यीय पीठ ने कंपनी के निवारण पेशेवर (आरपी) के उस निवेदन को स्वीकार कर लिया जिसमें कॉरपोरेट दिवाला निवारण प्रक्रिया (सीआईआरपी) को पूरा करने के लिए समयसीमा बढ़ाने की मांग की गई थी.

पिछले वर्ष 90 दिन का विस्तार दिया था

खबर के मुताबिक,इससे पहले एनसीएलटी ने 13 फरवरी को समयसीमा 4 अप्रैल तक बढ़ाई थी. उसके पहले पिछले वर्ष 23 नवंबर को भी न्यायाधिकरण ने 90 दिन का विस्तार दिया था. दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के अनुसार 330 दिन के भीतर ऋण निवारण प्रक्रिया पूरी करनी होती है. इसमें असफल रहने पर कर्जदार कंपनी को परिसमापन के लिए भेज दिया जाता है. एनसीएलटी ने मई, 2023 में स्वैच्छिक दिवाला निवारण कार्यवाही प्रारम्भ करने के लिए गो फर्स्ट की याचिका को स्वीकार की थी. एयरलाइन ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए 3 मई, 2023 को उड़ानों का परिचालन बंद कर दिया था.

किसने लगाई बोली किसने वापस ली

अरबपति नवीन जिंदल के नेतृत्व वाली जिंदल पावर ने गो फर्स्ट की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद बोली वापस ले ली थी. स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह ने बिजी बी एयरवेज के साथ मिलकर बोली लगाई है. स्पाइसजेट के चेयरमैन और व्यवस्था निदेशक सिंह ने कुछ महीने पहले बोला था कि गो फर्स्ट में अपार संभावनाएं हैं और इसे स्पाइसजेट के साथ करीबी सामंजस्य में काम करने के लिए दोबारा खड़ा किया जा सकता है

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