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नए साल से पहले इकोनॉमी के मोर्चे पर मिली ये 3 अच्छी खबर

इकोनॉमी के मोर्चे पर 3 अच्छी समाचार मिली है केंद्र गवर्नमेंट का राजकोषीय घाटा एक वर्ष पहले के मुकाबले कम हुआ है तो सालाना आधार पर कोर सेक्टर का उत्पादन भी बढ़ा है इसके अतिरिक्त राष्ट्र का विदेशी मुद्रा भंडार 21 महीने के हाई पर है

कितना है राजकोषीय घाटा
सरकार का राजकोषीय घाटा नवंबर के अंत में 9.06 लाख करोड़ रुपये रहा जो समूचे वित्त साल के बजट अनुमान का 50.7 फीसदी है लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार असली रूप से राजकोषीय घाटा चालू वित्त साल 2023-24 की अप्रैल-नवंबर अवधि में 9,06,584 करोड़ रुपये रहा पिछले वर्ष इसी अवधि में घाटा 2022-23 के बजट अनुमान का 58.9 फीसदी था क्या था गवर्नमेंट का अनुमान
सरकार का राजकोषीय घाटा वित्त साल 2023-24 के लिए 17.86 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 5.9 फीसदी रहने का अनुमान है आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-नवंबर 2023 में केंद्र गवर्नमेंट का कुल व्यय यानी खर्च 26.52 लाख करोड़ रुपये (2023-24 के बजट अनुमान का 58.9 प्रतिशत) था कुल व्यय में से 20.66 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते और 5.85 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में थे गवर्नमेंट ने वित्त साल 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 फीसदी से नीचे लाने का लक्ष्य रखा हुआ है बता दें कि गवर्नमेंट के व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं

विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा
केंद्रीय रिजर्व बैंक की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार हिंदुस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 22 दिसंबर को खत्म हफ्ते में 4.47 अरब $ बढ़कर 620.44 अरब $ पर पहुंच गया यह 21 महीने का उच्चतम स्तर है अक्टूबर 2021 में राष्ट्र का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब अमेरिकी $ के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था

कोर सेक्टर का उत्पादन बढ़ा
देश में 8 कोर सेक्टर का उत्पादन नवंबर के महीने में सालाना आधार पर 7.8 फीसदी बढ़ा एक वर्ष पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 5.7 फीसदी था नवंबर महीने में कच्चे ऑयल और सीमेंट को छोड़कर सभी क्षेत्रों के उत्पादन में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई प्रमुख कोर सेक्टर-कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की वृद्धि रेट अक्टूबर के महीने में 12 फीसदी रही थी नवंबर के दौरान कोयला और रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज की गई चालू वित्त साल के पहले आठ महीनों (अप्रैल-नवंबर) में कोर सेक्टर का उत्पादन 8.6 फीसदी बढ़ा है जबकि एक वर्ष पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 8.1 फीसदी था

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