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बीओबी ऐप घोटाले से सतर्क हुई सरकार

डिजिटल दुनिया के इस दौर में बैंकिंग फर्जीवाड़ा और ठगी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसके शिकार शहर से लेकर गांव तक के लोग बन रहे हैं. इसके मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने बैंकों को KYC प्रक्रिया (अपने ग्राहकों को जानो) और जांच को कठोर बनाने के निर्देश दिए हैं.

बीओबी ऐप घोटाले से सावधान हुआ मंत्रालय

बताया जा रहा है कि साइबर सुरक्षा को बढ़ाने और वित्तीय फर्जीवाड़ा को रोकने को लेकर हाल में एक अंतर-मंत्रालयी बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई. वित्त मंत्रालय चाहता है कि बीओबी वर्ल्ड ऐप घोटाले जैसे मामलों की रोकथाम के लिए बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अतिरिक्त सुरक्षा कदम उठाएं.

बैंकिंग प्रतिनिधियों की गहन जांच होगी

सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने बोला है कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाएं देने वाले दुकानदारों (मर्चेंट) तथा बैंकिंग प्रतिनिधि को जोड़ने से पहले बैंक और वित्तीय संस्थान इनकी गहन जांच-परख करें. साथ ही दुकानदारों और बैंकिंग प्रतिनिधि के स्तर पर आंकड़ों (डाटा) की सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता है.

 

क्योंकि इनके स्तर पर डाटा में सेंध लगने की संभावना अधिक होती है. इनके स्तर पर डाटा में सेंध लगने की संभावना अधिक रहती है. इस तरह के कदम से न सिर्फ़ फर्जीवाड़ा पर रोक लग सकेगा बल्कि वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत किया जा सकेगा.

धोखाधड़ी में इस्तेमाल माइक्रो एटीएम बंद होंगे

बैठक में यह भी बोला गया कि आरबीआई को बैंकों और वित्तीय संस्थानों को साइबर फर्जीवाड़ा के ‘हॉटस्पॉट’ पर बैंकिंग प्रतिनिधियों को जोड़ने से पहले उनकी पूरी जांच-परख करनी चाहिए. इसके अतिरिक्त फर्जीवाड़ा में इस्तेमाल सूक्ष्म एटीएम को भी ब्लॉक किया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि साइबर क्राइम से व्यापक और समन्वित ढंग से निपटने के तंत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र गवर्नमेंट ने गृह मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्र में’भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र’ की स्थापना की है.

लोन ऐप पर भी रोक की तैयारी

बढ़ती साइबर फर्जीवाड़ा पर रोक लगाने के अपने प्रयासों के अनुसार रिजर्व बैंक गैरकानूनी कर्ज देने वाले ऐप की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए एक डिजिटल इण्डिया ट्रस्ट एजेंसी (डिजिटा) स्थापित करने पर विचार कर रहा है. सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित एजेंसी डिजिटल कर्ज देने वाले ऐप के सत्यापन में सहायता करेगी और सत्यापित ऐप का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाएगी.

क्या है बीओबी ऐप घोटाला

जुलाई 2023 में यह खुलासा हुआ था कि बैंक ऑफ बड़ौदा के ऐप ‘बॉब वर्ल्ड’ पर ग्राहक संख्या अधिक दिखाने के लिए बैंक के मौजूदा ग्राहकों के डाटा के साथ छेड़छाड़ की गई. बैंक कर्मचारियों ने अनधिकृत मोबाइल नंबरों को उन ग्राहकों के खातों से जोड़ा था, जिनके खाते से मोबाइल नंबर नहीं जुड़े थे.

ये अनधिकृत नंबर बैंक कर्मचारियों, शाखा प्रबंधकों, गार्डों, उनके संबंधियों और दूरदराज के क्षेत्रों में काम करने वाले बैंक एजेंटों के थे. बैंक प्रतिनिधियों ने गलत ढंग से कई खातों से रुपये भी निकाले थे. अक्तूबर में आरबीआई ने इस मुद्दे में बैंक पर कार्रवाई की थी.

साइबर ठगी के 11 लाख से अधिक मामले

गौरतलब है कि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में वित्तीय साइबर ठगी के 11,28,265 मुद्दे सामने आए. इन मामलों में 7,488.63 करोड़ रुपये की फर्जीवाड़ा हुई.

 

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