भारतीय अर्थव्यवस्था की खबर! सुस्त ग्लोबल इकॉनमी के बीच भारत बना एक्सीलेंट परफॉर्मर
लगातार 3 तिमाहियों में दर्ज की 8% की ग्रोथ
सेठ ने कहा, ‘भारत ने वित्त साल 2023-24 की लगातार तीन तिमाहियों में आठ प्रतिशत से अधिक की ग्रोथ दर्ज की है, जो सुस्त अंतरराष्ट्रीय ग्रोथ रुझानों के बीच एक एक्सीलेंट परफॉर्मर के रूप में उसकी स्थिति की पुष्टि करता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह की राय विभिन्न एजेंसियों द्वारा व्यक्त की गई है, जिन्होंने हिंदुस्तान के वित्त साल 2023-24 के ग्रोथ अनुमान को आठ प्रतिशत के करीब संशोधित किया है. सतत विकास के रास्ते में सुधार और निवेश पर हिंदुस्तान का एक्टिव रुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक मानक स्थापित करता है.’’
पूंजीगत व्यय पर बल से जारी रहा निजी निवेश
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की एक बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इस बार आधिकारिक स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूदा लोकसभा चुनाव के कारण इस वार्षिक सभा में हिस्सा नहीं ले रही हैं. सेठ ने विकास समिति को कहा कि पूंजीगत व्यय पर हिंदुस्तान के बल से निजी निवेश जारी रहा. जिसके परिणामस्वरूप स्थिर कीमतों पर सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF) में वृद्धि हुई और वित्त साल 2023-24 में 10 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई.
डिजिटल लेनदेन रहा सबसे अधिक
सेठ ने इस बात पर भी बल दिया कि वर्ष 2022 में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में 46 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ हिंदुस्तान का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल लेनदेन सबसे अधिक रहा. उन्होंने बोला कि मार्च 2024 में मासिक लेनदेन 13.44 अरब था, जिसकी कुल राशि 19,780 अरब रुपये हो गई. सेठ ने विकास समिति को कहा कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य में हिंदुस्तान की लगातार वृद्धि के अनुरूप भारतीय पूंजी बाजार वित्त साल 2023-24 में उभरते बाजारों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बाजारों में से एक बना हुआ है.