बिज़नस

भारत बनेगा वैश्विक विकास का इंजन

  तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और

संयुक्त देश व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) जैसी बहुपक्षीय
संस्थाएं हिंदुस्तान को भविष्य में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विकास के संभावित इंजन के रूप
में देखती हैं, क्योंकि राष्ट्र सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था बन गया
है, जबकि चीन की जीडीपी वृद्धि रेट 2024 में 4.6 फीसदी आंकी गई है जिसके
2025 में और धीमी होकर 4.1 फीसदी रहने की आसार है.

आईएमएफ की
मंगलवार को जारी विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट ने न सिर्फ़ 2024-25 के लिए
भारत की वृद्धि का अनुमान 0.3 फीसदी बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया, बल्कि
देश को एक आशा की किरण भी कहा है जो “मध्यम अवधि में अंतरराष्ट्रीय विकास का
समर्थन करता है जिसका लाभ दूसरे राष्ट्रों को भी होगा”.
रियल एस्टेट
क्षेत्र में गिरावट और अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण चीन के पिछड़ने के साथ
आईएमएफ की रिपोर्ट बोला गया है कि हिंदुस्तान और ब्राजील जैसे अन्य बड़े उभरते
बाजार वाले जी20 राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली में एक बड़ी किरदार निभाएंगे
और अंतरराष्ट्रीय विकास को आगे बढ़ाएंगे.
आईएमएफ की रिपोर्ट हिंदुस्तान की आर्थिक
नीति पर भी मुहर लगाती है क्योंकि यह मजबूत विकास रेट का श्रेय “मजबूत
घरेलू मांग” को देती है, जो ग्रामीण मांग के पटरी पर लौटने के साथ
राजमार्गों, रेलवे, बंदरगाहों और बिजली संयंत्रों जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा
परियोजनाओं पर सरकारी खर्च में भारी वृद्धि के कारण बनी है.कृषि के
लिए बढ़े हुए आवंटन, मनरेगा जैसी ग्रामीण रोजगार योजनाओं और स्त्री स्वयं
सहायता समूहों के लिए विशेष कार्यक्रमों ने ग्रामीण मांग को बढ़ाने और
औद्योगिक उत्पादों के लिए एक बड़ा बाजार बनाने में सहायता की है.आधिकारिक
आंकड़ों के मुताबिक, पीएम मोदी की गवर्नमेंट के 10 वर्ष के
कार्यकाल के दौरान 90,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए गए
हैं, जो कि उससे पहले के 10 वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है.राजमार्ग
बुनियादी ढांचे में सरकारी निवेश 2013-14 में 51,000 करोड़ रुपये से चार
गुना से अधिक बढ़कर 2022-23 में 2.4 लाख करोड़ रुपये हो गया.मंगलवार
को जारी नवीनतम अंकटाड रिपोर्ट में 2024 में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक वृद्धि 2.6
प्रतिशत होने का संभावना व्यक्त किया गया है, जो आमतौर पर मंदी के दौर से जुड़ी
2.5 फीसदी की सीमा से बमुश्किल ऊपर है.हालांकि, निराशाजनक वैश्विक
परिदृश्य के बीच, इसमें बोला गया है कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था मजबूत
सार्वजनिक निवेश और सेवा क्षेत्र की वृद्धि से उत्साहित है, जिसमें 2024
में 6.5 फीसदी का विस्तार होने का अनुमान है

 

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