मस्क और भारत के बीच तनातनी का दौर, जानें इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी
Tesla India News: दुनिया की सबसे अमीर शख्सियत एलन मस्क के सुर पिछले कुछ दिनों से हिंदुस्तान को लेकर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। परिवर्तन इतना कि कभी हिंदुस्तान की नीतियों की निंदा करने वाले टेस्ला के सीईओ ने संयुक्त देश सुरक्षा परिषद में हिंदुस्तान की स्थायी सदस्यता तक की वकालत कर दी। उन्होंने बोला इस ग्रुप में हिंदुस्तान के पास अभी तक स्थायी सीट नहीं होना समझ से परे है। मस्क ने अमेरिकी-इजरायली व्यवसायी माइकल आइजेनबर्ग की तरफ से एक्स (पूर्व में ट्विटर) की पोस्ट पर यह लिखा था। लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि कभी हिंदुस्तान गवर्नमेंट के साथ हुई विवाद को भुलाकर अब इस तरह के बयान क्यों दे रहे हैं। इस बात को समझने के लिए आपको दो वर्ष पीछे जाना होगा।
मस्क और हिंदुस्तान के बीच विवाद का दौर
एलन मस्क और हिंदुस्तान के बीच विवाद वर्ष 2021 से 2023 तक रही। इस विवाद का कारण टेस्ला के हिंदुस्तान में इनवेस्टमेंट और कार निर्माण की योजना को लेकर था। एलन मस्क की टेस्ला ने 2021 में पहली बार भारतीय अधिकारियों से इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए 100 प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी खत्म करने की बात कहकर हिंदुस्तान में एंट्री करने की कोशिश की थी। मस्क ने भी 2022 में हिंदुस्तान में टेस्ला की कारों की मैन्युफैक्चरिंग के प्लान का घोषणा किया था। उन्होंने अपनी घोषणा में बोला था कि वह हिंदुस्तान में एक कारखाना तैयार करके कारों का प्रोडक्शन प्रारम्भ करेंगे।
सरकार की नीतियों की निंदा तक की
भारत में टेस्ला की कारों का निर्माण करने के लिए क्षेत्रीय सामग्री का प्रयोग करने का निर्देश जारी किया गया। मस्क ने इस पर विरोध जताई और बोला था कि यह संभव नहीं है। दूसरी चुनौती यह रही कि हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने टेस्ला को अपनी कारों के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी का भुगतान करने की आवश्यकता के बारे में भी कहा। मस्क ने इस पर भी विरोध जताई और बोला कि कंप्टीशन के दौर में यह संभव नहीं है। इसके बाद मस्क ने हिंदुस्तान में टेस्ला कारों की मैन्युफैक्चरिंग की अपनी योजना को स्थगित कर दिया। इसके बाद हिंदुस्तान गवर्नमेंट और मस्क के बीच विवाद बढ़ गई। दोनों के बीच विवाद इतनी बढ़ी कि 2023 में मस्क ने हिंदुस्तान गवर्नमेंट की नीतियों की निंदा तक करना प्रारम्भ कर दिया।
एलन मस्क और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की मुलाकात
इसके बाद मस्क और पीएम मोदी की मुलाकात 21 जून, 2023 को न्यूयॉर्क में हुई थी। अमेरिकी व्यवसायी और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की यह मुलाकात पीएम की तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के दौरान हुई। इस दौरान दोनों ने हिंदुस्तान में टेस्ला की निवेश को लेकर वार्ता की। मस्क ने बोला वह हिंदुस्तान में एक फैक्ट्री का निर्माण करना चाहता है। मोदी ने मस्क की योजना का स्वागत किया। इस दौरान दोनों के बीच हिंदुस्तान में अन्य सेक्टर में भी योगदान पर चर्चा हुई। उन्होंने हिंदुस्तान में स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने पर भी चर्चा की। मोदी से मुलाकात के बाद मस्क ने उनकी प्रशंसा की और बोला कि वह हिंदुस्तान में निवेश के लिए उत्साहित हैं।
जी 20 से भी बदला नजरिया
जी-20 शिखर सम्मेलन के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद भी एलन मस्क का नजरिया बदलने में सहायता मिली। मस्क को यह पहले से पता है कि हिंदुस्तान एक अहम बाजार और विकासशील राष्ट्र है। दूसरा इस दौरान भिन्न-भिन्न राष्ट्रों के कारोबारियों से प्रधामंत्री मोदी की वार्ता से यह संदेश गया कि हिंदुस्तान गवर्नमेंट निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। तीसरे शिखर सम्मेलन से मस्क को यह समझ में आ गया कि हिंदुस्तान दुनिया में एक जरूरी शक्ति बन रहा है। कुल मिलाकर, जी 20 शिखर सम्मेलन ने एलन मस्क के हिंदुस्तान के प्रति नजरिये को बदला।
गडकरी ने साफ किया था गवर्नमेंट का रुख
पिछले दिनों इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बोला था कि टेस्ला का हिंदुस्तान में तभी स्वागत है, जब वह क्षेत्रीय स्तर पर कारों को तैयार करने का काम करते हैं। उन्होंने बोला था कि हम हिंदुस्तान में टेस्ला का स्वागत करते हैं। यदि टेस्ला राष्ट्र में ही कारों को तैयार करती है तो इसे रियायतें मिलेंगी।’ केंद्रीय मंत्री ने साफ बोला कि टेस्ला यदि कारें चीन में बनाकर उनकी बिक्री हिंदुस्तान में करना चाहती है…तो किसी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी।
इम्पोर्ट ड्यूटी में आएगी कमी?
पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि गवर्नमेंट अमेरिकी कार कंपनी टेस्ला को छूट देने पर विचार कर रही है। इसके मुताबिक ग्रीन कारों के इम्पोर्ट पर लगने वाले शुल्क को 100% से घटाकर 15% करने की प्लानिंग चल रही है। रिपोर्ट में यह भी बोला गया कि आयात शुल्क में छूट के साथ ही गवर्नमेंट की यह शर्त होगी कि कार बनाने वाली कंपनियों को जल्द व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्रारम्भ करनी होगी। आपको बता दें मौजूदा समय में 40,000 अमेरिकी $ से ज्यादा की कार पर 100 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई जाती है। इससे कम की कारों पर यह इम्पोर्ट ड्यूटी 70 प्रतिशत है। लेकिन टेस्ला का एंट्री लेवल कार मॉडल Y की मूल्य 47,740 $ से प्रारम्भ होती है। इस कारण यह कार हिंदुस्तानियों को काफी महंगी पड़ती है। लेकिन अब यदि गवर्नमेंट और मस्क के बीच वार्ता बनी तो 100 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी घटकर 15 प्रतिशत रह जाएगी। जिससे टेस्ला की हिंदुस्तान में राह सरल होने की आशा है।