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रूस से तेल की खरीदारी पर केंद्रीय मंत्री ने बतायी ये बड़ी बात

Crude Oil Import: हिंदुस्तान में तेजी से हो रहे आर्थिक विकास की वजह से ऊर्जा और कच्चे ऑयल के हम दुनिया में सबसे बड़े उपभोक्ता बने हुए हैं ऐसे में आवश्यकता के हिसाब से कई राष्ट्रों से कच्चे ऑयल का आयात (India’s Crude Import) होता है इसमें रूस जैसे मित्र राष्ट्र भी शामिल हैं हालांकि, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चर्चा चल रही थी कि हिंदुस्तान का रूस से ऑयल आयात कम या लगभग समाप्त हो गया है इसे लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने बड़ी बात बतायी है उन्होंने बोला कि रूस के साथ ऑयल की खरीद में कोई परेशानी नहीं है आयात कम नहीं, बल्कि पिछले कुछ समय में बढ़ा है हालांकि, उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान को जहां से सस्ता तेस मिलेगा हम खरीदेंगे उन्होंने कहा कि कई राष्ट्र हिंदुस्तान के साथ ऑयल का व्यापार करने के लिए कतार में खड़े हैं

रूस से आ रहा 40 फीसदी कच्चा तेल

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को बोला कि रूस से ऑयल खरीदने में भुगतान की कोई परेशानी नहीं है और इस खरीद में हाल में आई गिरावट उसकी तरफ से दी जाने वाली कम छूट का नतीजा है उन्होंने एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से बोला कि रूस-यूक्रेन युद्ध प्रारम्भ होने से पहले फरवरी, 2022 में हिंदुस्तान ने जितने ऑयल का आयात किया था उसमें रूसी ऑयल की हिस्सेदारी केवल 0.2 फीसदी थी लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद लगे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच रूस ने ऑयल खरीद पर छूट की पेशकश की जिसके बाद यह हिस्सेदारी बढ़कर 40 फीसदी हो गई और रूस अब हिंदुस्तान का शीर्ष ऑयल आपूर्तिकर्ता राष्ट्र है उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान अपने आयात स्रोतों में विविधता लेकर आया है और राष्ट्र सबसे सस्ती मौजूद दरों पर खरीदारी करेगा उन्होंने बोला कि भारतीय कंज़्यूमरों को बिना किसी व्यवधान के सबसे किफायती मूल्य पर ईंधन मिलने की शर्त है रूस से ऑयल आयात 40 फीसदी तक बढ़ गया था अब यदि यह 33 फीसदी या 28-29 फीसदी पर आ गया है तो इसके लिए भुगतान की कोई परेशानी नहीं है यह विशुद्ध रूप से उस मूल्य की वजह से है जिस पर हमारी रिफाइनिंग कंपनियों को ऑयल मिलेगा

लाल सागर से व्यापार में नहीं आएगी परेशानी

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बोला कि किसी भी कंपनी ने भुगतान संबंधी समस्याओं के कारण आपूर्ति रोके जाने की कम्पलेन नहीं की है इसके बजाय आपूर्तिकर्ता पहले बेचने और बाद में भुगतान एकत्र करने के इच्छुक हैं हम रूस से रोजाना 15 लाख बैरल ऑयल खरीद रहे हैं राष्ट्र में 50 लाख बैरल की दैनिक खपत में से 15 लाख बैरल रोजाना खरीद रहे हैं यदि वे छूट नहीं देंगे, तो हम इसे क्यों खरीदेंगे? लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर हूती उपद्रवियों के ड्रोन हमलों पर पुरी ने बोला कि कुछ आपूर्तिकर्ताओं ने अपना रास्ता बदल लिया है और अब केप ऑफ गुड होप से होकर गुजर रहे हैं हालांकि लाल सागर और स्वेज नहर से बचने पर लंबी यात्रा होगी लेकिन जहाजों को स्वेज नहर पारगमन शुल्क भी नहीं देना होगा स्वेज नहर का इस्तेमाल लगभग एक तिहाई अंतरराष्ट्रीय कंटेनर जहाज करते हैं इसके जरिये 82 लाख बैरल कच्चे ऑयल का परिवहन होता है

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