विस्तारा संकट गहराने से हवाई यात्रियों को झटका
अगर आप भी इन गर्मियों की छुट्टियों में फ्लाइट से यात्रा करने का प्लान कर रहे हैं तो इस बार ज्यादा पेमेंट करने के लिए तैयार हो जाइए। जी हां, पिछले कुछ दिनों से चल रहे विस्तारा एयरलाइन के संकट और फ्लाइट रद्द होने और यात्री मांग बढ़ने से फ्लाइट के किराये में 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। जानकारों के मुताबिक गर्मी के मौसम में हर वर्ष हवाई यात्रा की मांग बढ़ती है। लेकिन इस वर्ष एविएशन इंडस्ट्री मांग के अनुरूप क्षमता बढ़ाने में कई चुनौतियों से जूझ रहा है। यहां तक कि डोमेस्टिक रूट पर बड़े विमानों का इस्तेमाल भी कर रहा है।
100 से ज्यादा उड़ान रद्द होने से हवाई किराया बढ़ा
टाटा ग्रुप की विस्तारा एयरलाइन की 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द होने से हवाई किराया पहले ही बढ़ चुका है। पायलटों की नाराजगी का सामना कर रही एयरलाइन ने प्रतिदिन 25-30 उड़ानों यानी अपनी कुल क्षमता में 10 फीसदी की कटौती कर दी है। एक से 7 मार्च के दौरान एक से 7 अप्रैल की अवधि में कुछ हवाई रूट पर किराया 39 फीसदी तक चढ़ गया। इस अवधि में दिल्ली-बेंगलुरु उड़ानों के लिए एकतरफ किराया 39 फीसदी बढ़ गया, जबकि दिल्ली-श्रीनगर उड़ानों के लिए इसमें 30 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।
किराया 20-25 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान
विश्लेषण के मुताबिक दिल्ली-मुंबई फ्लाइट सर्विस के मुद्दे में किराया वृद्धि 12 फीसदी और मुंबई-दिल्ली सेवाओं के मुद्दे में आठ फीसदी थी। ट्रैवल पोर्टल यात्रा औनलाइन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट भरत मलिक ने बोला कि मौजूदा ग्रीष्मकालीन उड़ान कार्यक्रम में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मार्गों को शामिल करते हुए अनुमानित औसत हवाई किराया 20-25 फीसदी के बीच बढ़ने का अनुमान है। मलिक ने कहा, ‘विस्तारा की उड़ान में 10 फीसदी कटौती के निर्णय ने प्रमुख घरेलू मार्गों पर टिकट की कीमतों को प्रभावित किया है। हमने किराये में गौरतलब वृद्धि देखी है। दिल्ली-गोवा, दिल्ली-कोच्चि, दिल्ली-जम्मू और दिल्ली-श्रीनगर जैसे प्रमुख मार्गों पर कीमतें लगभग 20-25 फीसदी तक बढ़ गई हैं।‘
उन्होंने बोला कि ऊंचे हवाई किराये का एक प्रमुख कारण विस्तारा द्वारा उड़ान संचालन में कटौती है। इसके अतिरिक्त ईंधन की बढ़ती लागत के साथ गर्मियों के दौरान यात्रा की बढ़ती मांग ने भी किराया बढ़ाने में अहम किरदार निभाई है। क्रिसिल बाजार इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स में सीनियर डायरेक्टर और वैश्विक प्रमुख (परिवहन एवं लॉजिस्टिक) जगन नारायण पद्मनाभन ने कहा, ‘व्यस्त मौसम आते ही किराया पांच-सात फीसदी बढ़ने का अनुमान है। ज्यादातर यात्रा निजी कारण से और परिवार के साथ होगा, लिहाजा इसका पर्याप्त असर पड़ने की आशा है। ऐसे में लोग छोटी दूरी के लिए रेल यात्रा का विकल्प चुन सकते हैं।’