सोने की बढ़ती कीमत के बावजूद चीन लगातार सोने की जुटा खरीदारी में…
China Gold Buying: एक तरफ विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ा है। एक के बाद एक युद्ध हो रहे हैं। रूस और यूक्रेन का युद्ध अभी चल ही रहा था कि इजरायल और हमास के टकराव के बीच ईरान कूद पड़ा है। ईरान और इजरायल आमने-सामने हैं। मिडिल ईस्ट में तनाव के बीच चीन का अलग ही खेल चल रहा है। सोने की बढ़ती मूल्य के बावजूद चीन लगातार सोने की खरीदारी में जुटा हुआ है। सोने की खरीदारी मुद्दे में चीन ने कई राष्ट्रों को पछाड़ दिया है। चीन ने बीते 17 महीनों में सबसे अधिक सोना खरीदा है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना सोने के सबसे आक्रामक केंद्रीय बैंक खरीदार बन गया है |
साल 2023 के बाद से चीन लगातार सोना खरीदने में जुटा हुआ है। गोल्ड परचेंजिंग में चीन ने कई राष्ट्रों को पीछे छोड़ रहा है। वर्ष 2022 के मुकाबले वर्ष 2023 में चीन के गोल्ड रिजर्व में 11 प्रतिशत की तेजी आई। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार चीन के पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने वर्ष 2023 में 225 टन गोल्ड खरीदा और लगातार उसकी खरीदारी जारी है। वर्ष 2022 तक चीन का गोल्ड रिजर्व जहां 2020 टन था, वहीं वर्ष 2023 तक उसका गोल्ड रिजर्व बढ़कर 2235 टन हो गया है।
सोने के पीछे क्यों पड़ा है चीन ?
दुनिया के भिन्न-भिन्न हिस्सों में चल रहे युद्ध ने वर्ल्ड इकोनॉमी को प्रभावित किया है। दुनिया के कई राष्ट्र मंदी की चपेट में आ गए हैं। विश्व की दूसरी महाशक्ति चीन कोविड के बाद से ही अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने में जुटा है। चीन में जारी रियल एस्टटे संकट ने बैंकिंग सेक्टर को अपनी चपेट में लिया है। सुस्त पड़ी चीन की अर्थव्यवस्था और अमेरिकी करेंसी $ पर निर्भरता को कम करने के लिए अब चीन सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ रहा है। सोना हमेशा से सेफ निवेश माना जाता है। ऐसे में चीन में सोने में निवेश बढ़ाकर सुरक्षित निवेश के जरिए इकोनॉमी को मजबूती देने की प्रयास में लगा है। जिस तरह से भूराजनीतिक तनाव बढ़ रहे हैं, सोने में निवेश कर चीन उस दवाब से अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने की प्रयास कर रहा है।
भर भरकर सोना खरीदने के पीछे चीन का वास्तविक मकसद
भूराजनीतिक तनाव, अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती के आसार ने सोने की मांग में बढ़ोतरी को बल दिया है। सोने के बंपर रिटर्न उसकी मांग को बढ़ावा दे रहे हैं। वर्ष 2023 में $ टर्म में सोने ने 14 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इन वजहों से सोने की मूल्य में पंख लगे हुए हैं। इंटरनेशनल बाजार में पहली बार सोने की मूल्य 2300 $ के स्तर पर पहुंच गया है। दरअसल रिजर्व करेंसी के तौर पर $ का दबदबा है। चीन और अमेरिका के बीच का टकराव किसी से छिपा नहीं है। चीन अमेरिकी $ का काट खोजने में लगा है। $ की ताकत से चीन को चिढ़ा रहता है। चीन $ पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है। वो अपनी विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाना चाहता है, जिसके लिए वो सोने पर निर्भरता को बढ़ा रहा है। सोना जुटाना चीन का अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखने का कोशिश तो है ही, वो इसके जरिये $ की ताकत को चुनौती देना चाहता है।
चीन के पास कितना सोना
सरकारी आंकड़ों के अनुसार चीन के पास मार्च के अंत में 72.74 मिलियन औंस सोना था। फरवरी 2024 में यह आंकड़ा 72.58 मिलियन औंस पर था। इस बढ़ते के बाद चीन का गोल्ड रिजर्व 148.64 अरब $ से बढ़कर 161.07 अरब $ हो गया है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने वर्ष 2023 में सबसे बड़ा गोल्ड बायर्स था, उसने 7.23 मिलियन औंस यानी करीब 225 मीट्रिक टन सोना खरीदा था।