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1 अप्रैल से इनकम टैक्स की नई व्यवस्था हो गई लागू

अगर आप भी टैक्सपेयर हैं तो आपके लिए यह समाचार अहम है. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को साफ तरीक से कह दिया है कि चालू वित्त साल 2024-25 में लोगों के लिए नयी इनकम टैक्स प्रबंध में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. पर्सनल करदाता अपना आईटीआर दाखिल करते समय इस प्रबंध से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं. भाषा की समाचार के मुताबिक, मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर जारी उन सूचनाओं के बाद दिया जिसमें 1 अप्रैल से कारगर नयी टैक्स प्रबंध में कुछ बदलावों का दावा किया गया है.

1 अप्रैल 2023 से एक संशोधित नयी इनकम टैक्स व्यवस्था

खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने बोला कि 1 अप्रैल 2024 से कोई नया परिवर्तन नहीं किया गया है. 1 अप्रैल 2023 से प्रारम्भ हुए वित्त साल में लोगों के लिए एक संशोधित नयी इनकम टैक्स प्रबंध लागू की गई थी, जिसके अनुसार कर दरें काफी कम हैं. हालांकि, उसमें पुरानी प्रबंध की तरह विभिन्न छूट और कटौती (सैलरी से 50,000 रुपये और फैमिली पेंशन से 15,000 रुपये की स्टैडर्ड डिडक्शन के अलावा) का फायदा उपस्थित नहीं है.

करदाता चुन सकते हैं विकल्प

मंत्रालय ने बोला कि नयी टैक्स प्रबंध ‘डिफ़ॉल्ट’ टैक्स प्रबंध है. हालांकि करदाता उस कर प्रबंध (पुरानी या नई) को चुन सकते हैं जो उन्हें लगता है कि उनके लिए लाभ वाला है. नयी टैक्स प्रबंध से बाहर निकलने का विकल्प साल 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक मौजूद है. मंत्रालय का बोलना है कि बिना किसी व्यावसायिक आय वाले पात्र व्यक्तियों के पास हर वित्तीय साल के लिए प्रबंध चुनने का विकल्प होगा. इसलिए, वह एक वित्तीय साल में नयी कर प्रबंध और दूसरे साल में पुरानी कर प्रबंध चुन सकते हैं और इसके उल्टा भी चुन सकते हैं. जानकारों का मानना है कि गवर्नमेंट ने अंतरिम बजट में तो आयकर स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया है लेकिन आशा यह है कि यदि मोदी गवर्नमेंट फिर से सत्ता में आती है तो पूर्ण बजट में स्लैब में परिवर्तन कर सकती है.

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