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2047 तक विकसित भारत के लक्ष्‍य पर रघुराम राजन बोले…

2047 Tak Viskit Bharat: आरबीआई (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बोला कि हिंदुस्तान जनसांख्यिकीय लाभांश (Demographic Dividend) का लाभ नहीं उठा रहा है. जनसांख्यिकीय लाभांश से तात्पर्य कार्यबल अधिक होने और आश्रितों की संख्या कम होने से उत्पादता बढ़ने और इसी क्रम में तेज आर्थिक वृद्धि से है. राजन ने इस बात पर बल दिया कि मानव पूंजी में सुधार और उनके कौशल को बढ़ाने पर ध्यान देने की आवश्यकता है. राजन ने यूएस की जॉर्ज वाशिंगटन यून‍िवर्स‍िटी में ‘2047 तक हिंदुस्तान को एक उन्‍न्‍त अर्थव्यवस्था बनाना: इसके लिए क्या करना होगा’ विषय पर चर्चा में कहा, ‘मुझे लगता है कि हम इसके (जनसांख्यिकीय लाभांश) बीच में हैं, लेकिन परेशानी यह है कि हम इसका लाभ नहीं उठा रहे हैं.

चीन और कोर‍िया ने जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ ल‍िया था

आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा, ‘इसलिए मैंने कहा…छह फीसदी वृद्धि. यदि आप सोचते हैं कि अभी हम इसी स्थिति में हैं, तो सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों से गड़बड़ी को दूर कर लें. वह छह फीसदी जनसांख्यिकीय लाभांश (Demographic Dividend) में ही है. यह उससे काफी कम है जहां चीन तथा कोरिया तब थे जब उन्होंने अपना जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ हासिल किया था.’ राजन हिंदुस्तान द्वारा चिप निर्माण पर अरबों $ खर्च करने के आलोचक रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘इन चिप कारखानों के बारे में सोचें. चिप निर्माण पर इतने अरबों $ की सब्सिडी दी जाएगी.

…आप उन क्षेत्रों की उपेक्षा करते हैं जिन्हें बढ़ाया जा सकता है
उन्होंने कहा, जबकि चमड़ा जैसे रोजगार प्रधान कई क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. राजन ने कहा, ‘हम उन क्षेत्रों में नीचे जा रहे हैं. इसमें कोई आश्‍चर्य नहीं कि हमारे पास नौकरियों की कमी की परेशानी है. यह पिछले 10 वर्ष में उत्‍पन्‍न नहीं हुई बल्कि पिछले कुछ दशकों से बढ़ रही है. हालांकि यदि आप उन क्षेत्रों की उपेक्षा करते हैं जिन्हें बढ़ाया जा सकता है…मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमें अब चमड़ा क्षेत्र पर सब्सिडी देने की आवश्यकता है, लेकिन यह पता लगाएं कि वहां क्या गलत हो रहा है और उसे सुधारने का कोशिश करें.

एक प्रश्न के उत्तर में राजन ने बोला कि बहुत सारे भारतीय नवप्रवर्तक अब सिंगापुर या सिलिकॉन वैली का रुख कर रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां आखिरी बाजारों तक पहुंच बहुत सरल लगती है. इस बीच कार्यक्रम में उपस्थित सेलेस्टा कैपिटल के प्रबंधक साझेदार अरुण कुमार ने कहा, ‘भारत को वैश्वीकरण का लाभ मिल रहा है. इसकी आर्थिक समृद्धि हिंदुस्तान में और हिंदुस्तान से व्यापार तथा निवेश बढ़ाने में इसकी अंतरराष्ट्रीय परस्पर निर्भरता से प्रेरित होगी, जिससे रोजगार सृजन, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि तथा समृद्धि में सहायता मिलेगी.

आज वैश्‍व‍िक आपूर्ति श्रृंखला की स्थिति विनिर्माण में बढ़ती भागीदारी के लिए हिंदुस्तान के पक्ष में काम करती है.’ उन्होंने कहा, ‘वैश्‍व‍िक मूल्य श्रृंखलाओं में अधिक भागीदारी की सुविधा के लिए व्यापार सुगमता, व्यापार सुविधा में आसानी, आधुनिक बुनियादी ढांचे तथा संबंधित लॉजिस्टिक्स के निर्माण पर लगातार ध्यान देने की जरूरत है.

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