अमेरिका ने MDH के 31% शिपमेंट किए रिजेक्ट
MDH Masala :भारत मसालों का राष्ट्र कहलाता है, लेकिन इन दिनों हिंदुस्तान की दो मसाला कंपनियां निशाने पर हैं। सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में एमडीएच और एवरेस्ट मसालों (MDH and Everest Masale) को प्रतिबंधित कर दिया गया। बोला गया कि इन कंपनियों के कुछ मसालों में कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले घातक कीटनाशक पाए गए हैं। जिसके बाद इन दोनों राष्ट्रों में एमडीएच और एवरेस्ट मसालों की सेल पर प्रतिबंध लगा दिया गया। कठिन यहीं नहीं थमी। समाचार आने के बाद अमेरिका की फूड एजेंसी USFDI ने भी इन मसालों की जांच की। अमेरिका में भी भारतीय मसाला कंपनी को झटका लगा है।
भारतीय मसाला निर्माता एमडीएच की कठिन अमेरिका में भी बढ़ गई है। MDH के निर्यात किए गए मसाले से संबंधित शिपमेंट के लिए रिजेक्शन दरों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अमेरिकी फूड सेफ्टी नियामक ने छह महीनों में साल्मोनेला के कारण एमडीएच की ओर से निर्यात किए गए सभी मसालों से संबंधिक शिपमेंट में से 31 प्रतिशत को रिजेक्ट कर दिया है। द भारतीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार साल्मोनेला कंटैमिनेशन की वजह से रिफ्यूजल दर में बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर 2023 में एमडीएच के सभी शिपमेंट का लगभग एक तिहाई यानी 11 शिपमेंट को अमेरिका ने रिजेक्ट कर दिया। अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक रिफ्यूजल दर 15 प्रतिशत रहा था। वहीं अमेरिका ने बीते वर्ष एवरेस्ट के कुल निर्यात शिपमेंट में से 3 प्रतिशत को रिजेक्ट किया था।
रिपोर्ट के अनुसार रिजेक्ट किए गए शिपमेंट साल्मोनेला कंटैमिनेशन से प्रदूषित थे। बता दें कि साल्मोनेला कंटैमिनेशन एक तरह का बैक्टेरिया होता है, जिसके सेवन से पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती है। इसकी वजह से आंतों में संक्रमण हो सकता है। इसी बैक्टेरिया की वजह से टायफायड होता है। जानकारों की माने तो कटाई से लेकर प्रोसेसिंग और पैकेजिंग तक यदि ठीक से वैल्यू चेन मेंटन नहीं किया जाए तो साल्मोनेला से बच पाना कठिन है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की एफडीआई ने जनवरी 2022 में एमडीएच के मैन्यूफैक्टरिंग यूनिट का निरिक्षण किया था, जिसमें पाया था कि यूनिट में पर्याप्त स्वच्छता नहीं थी।
बता दें कि MDH, एवरेस्ट मसालों पर हो रही कार्रवाई से भारतीय मसालों पर संकट बढ़ता जा रहा है। मसाला कंपनियों की चिंता बढ़ती जा रही है। कंपनी पर लगा रहे आरोपों को लेकर एमडीएच ने बोला कि उसके मसाले पूरी तरह सुरक्षित हैं। कंपनी ने बोला कि उन्हें सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के नियामकों से कोई सूचना महीं मिला है।