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CERT-In ने क्रोम से जुड़ी ये सिक्योरिटी वॉर्निंग की जारी

दुनिया के सबसे लोकप्रिय इंटरनेट ब्राउजर गूगल क्रोम का इस्तेमाल करोड़ों यूजर्स करते हैं लेकिन इसका पूरी तरह सुरक्षित होना एक बार फिर प्रश्नों के घेरे में है. दरअसल इस इंटरनेट ब्राउजर को अपडेट करते रहना महत्वपूर्ण है, जिससे इसमें उपस्थित बग्स और खामियां फिक्स हो जाएं. गवर्नमेंट से जुड़ी एजेंसी CERT-In ने कुछ मौजूदा खामियों से जुड़ी चेतावनी जारी की है, जिनका लाभ अटैकर्स को मिल सकता है.

इंडियन कंप्यूटर आपातकालीन रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने क्रोम से जुड़ी सिक्योरिटी वॉर्निंग जारी की है. इस एजेंसी ने जिन चेतावनियों का जिक्र किया है, उनके चलते लाखों क्रोम यूजर्स को हानि हो सकता है. यदि आप भी गूगल क्रोम इस्तेमाल करते हैं तो आपको इनके बारे में पता होना चाहिए. मौजूदा खामियों का यूजर्स लेटेस्ट अपडेट के जरिए फिक्स कर सकते हैं. ऐसा करना साइबर अपराध से जुड़े खतरों से बचे रहने के लिए महत्वपूर्ण है.

हाई-सीविएरिटी रेटिंग वाली चेतावनी

CERT-In ने अपने बुलेटिन में गूगल क्रोम यूजर्स को हाई-सीविएरिटी से जुड़ी नयी जानकारी दी है. पोस्ट में कहा गया है कि गूगल क्रोम ब्राउजर में कई खामियां सामने आई हैं, जिनका लाभ रिमोट अटैकर्स को मिल सकता है. रिमोट अटैकर्स इन खामियों का लाभ उठाकर आर्बिटरी कोड रन कर सकते हैं या फिर टारगेट सिस्टम पर डिनायल-ऑफ-सर्विस (DOS) अटैक कर सकते हैं.

ब्राउजर में उपस्थित सुरक्षा खामियां इसके मेमोरी ऐक्सेस से जुड़ी हैं और इनका लाभ उठाते हुए अटैकर ऐसे वेबसाइट लिंक्स पर क्लिक करवा सकते हैं और इस तरह मालिशियस सॉफ्टवेयर के साथ डिवाइस की सुरक्षा को बायपास कर सकते हैं. यही वजह है कि डिवाइस का डाटा चोरी होने का डर बना रहेगा. यूजर्स को जल्द से जल्द नया अपडेट इंस्टॉल करने की राय दी गई है.

ये गूगल क्रोम वर्जन हुए हैं प्रभावित

रिपोर्ट में कहा गया है कि विंडोज और Mac पर 123.0.6312.105/.106/.107 से पहले पहले वाले वर्जन और Linux पर 123.0.6312.105 से पुराने वर्जन खामियों के चलते प्रभावित हुए हैं. वैसे तो लेटेस्ट अपडेट्स अपने आप डाउनलोड और इंस्टॉल हो जाते हैं, लेकिन आप सेटिंग्स में जाकर भी Update Chrome पर टैप कर सकते हैं.

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