मसाला विवाद के बीच एक्शन मोड में कॉमर्स मिनिस्ट्री
भारत ने अपने यहां से निर्यात होने वाले मसालों में कैंसरकारी रसायन ईटीओ (एथिलीन ऑक्साइड) के असर को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. दरअसल, भारतीय ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसालों में एथिलीन ऑक्साइड की मौजूदगी पाई गई. इस कारण सिंगापुर और हांगकांग में दोनों भारतीय मसाला ब्रांड के कुछ उत्पादों पर रोक लगा दी गई. इसके साथ ही ग्राहकों के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है.
क्या बोला गवर्नमेंट ने
केंद्र गवर्नमेंट के वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने कहा-मसाला बोर्ड ने इन क्षेत्रों में भारतीय मसाला निर्यात की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं. बोर्ड ने इन दोनों राष्ट्रों को भेजी जाने वाली ऐसी निर्यात खेपों का परीक्षण करना जरूरी कर दिया है. एक तकनीकी-वैज्ञानिक समिति ने मूल कारण विश्लेषण भी किया है, प्रोसेसिंग फैसलिटीज का निरीक्षण किया है, और मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए नमूने एकत्र किए हैं.
समय सीमा तय, मानक का प्रस्ताव
उन्होंने बोला कि समिति की सिफारिशों के बाद सात मई, 2024 से सिंगापुर और हांगकांग के लिए सभी मसाला खेप के लिए एथिलीन ऑक्साइड अवशेषों के जरूरी नमूनाकरण और परीक्षण को लागू किया गया है. सभी निर्यातकों के लिए एथिलीन ऑक्साइड निवारण के दिशानिर्देश भी दोहराए गए हैं. उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान ने एथिलीन ऑक्साइड के इस्तेमाल की सीमा तय करने के लिए कोडेक्स समिति के समक्ष भी मुद्दा उठाया है क्योंकि भिन्न-भिन्न राष्ट्रों की सीमाएं भिन्न-भिन्न हैं. इसके अतिरिक्त ईटीओ परीक्षण के लिए कोई मानक नहीं है. हिंदुस्तान ने इसके लिए प्रस्ताव दिया है.
मसाला निर्यात 4.25 अरब डॉलर
वर्ष 2023-24 में हिंदुस्तान का मसाला निर्यात कुल 4.25 अरब $ का था, जो अंतरराष्ट्रीय मसाला निर्यात का 12 फीसदी है. हिंदुस्तान से निर्यात किए जाने वाले प्रमुख मसालों में मिर्च पाउडर शामिल है, जो 1.3 अरब $ के निर्यात के साथ सूची में सबसे ऊपर है. इसके बाद जीरा 55 करोड़ डॉलर, हल्दी 22 करोड़ डॉलर, इलायची 13 करोड़ डॉलर, मिश्रित मसाले 11 करोड़ $ आदि शामिल हैं. अन्य निर्यात होने वाले मसालों में हींग, केसर, सौंफ, जायफल, जावित्री, लौंग और दालचीनी हैं