इलेक्ट्रिक स्कूटर्स अप्रैल से हो सकते हैं महंगे
पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री तेजी से बढ़ी है. इसका बड़ा कारण इन पर केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से मिलने वाली सब्सिडी है. हालांकि, केंद्र गवर्नमेंट की ओर से दी जाने वाली FAME 2 सब्सिडी में अप्रैल से होने वाली कमी से इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स लगभग 10 फीसदी महंगे हो सकते हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी ICRA की एक स्टडी के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्र के टू-व्हीलर बाजार में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की हिस्सेदारी अगले वित्त साल के अंत तक लगभग आठ फीसदी हो सकती है. हालांकि, FAME 2 सब्सिडी के खत्म होने से इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स खरीदने वालों के साथ ही मैन्युफैक्चरर्स को भी झटका लग सकता है. इसका कुछ असर हाल ही में घोषित की गई इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) से कुछ कम हो सकता है. इसके तहत, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री बढ़ाने के लिए 333.39 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इससे इस साल अप्रैल से अगस्त के बीच 3,33,387 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को लगभग 10,000 रुपये के बेनेफिट मिलेंगे.
हालांकि, EMPS में प्रत्येक व्हीकल के लिए दी जाने वाली सब्सिडी की मात्रा में कमी होगी. इससे FAME 2 सब्सिडी की तुलना में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर का प्राइस लगभग 10 फीसदी बढ़ जाएगा. इस हफ्ते की आरंभ में पीएम नरेन्द्र मोदी ने बोला था कि राष्ट्र में अगले पांच सालों में EV की मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ेगी. मोदी ने कहा कि यदि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी की दोबारा जीत होती है तो EV की मैन्युफैक्चरिंग में काफी बढ़ोतरी होगी. उन्होंने एक मीडिया इवेंट में बोला था, “आगामी पांच सालों में राष्ट्र में EV की मैन्युफैक्चरिंग में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होगी.” मोदी का बोलना था कि नए EV मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार हिंदुस्तान में EV सेगमेंट शुरुआती दौर में है.
हाल ही में केंद्र गवर्नमेंट ने 50 करोड़ $ का इनवेस्टमेंट करने वाली इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों को इम्पोर्ट टैक्स में छूट देने का संकेत दिया था. इससे अमेरिकी EV मेकर Tesla और कुछ अन्य इंटरनेशनल ऑटोमोबाइल कंपनियों को राष्ट्र में अपने EV लॉन्च करने का प्रोत्साहन मिल सकता है. इससे पहले टेस्ला ने गवर्नमेंट से इस छूट का अनुरोध किया था.