EV Policy बैठक में शामिल हुए टेस्ला के सलाहकार और द एशिया ग्रुप के दक्षिण एशिया के वाइस चेयरमैन
EV Policy Meeting: एलन मस्क का मई में प्रारम्भ होने वाले हिंदुस्तान दौरे से पहले सरकारी कामकाजों में टेस्ला की दखल बढ़ गई है। समाचार है कि गुरुवार को इलेक्ट्रिक गाड़ी नीति के लिए हुई सरकारी बैठक में टेस्ला के सलाहकार और द एशिया ग्रुप के दक्षिण एशिया के वाइस चेयरमैन गोपाल नादादुर शामिल हुए। सूत्रों के हवाले से ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ ने समाचार दी है कि गुरुवार को गुरुवार को भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के टॉप ऑफिसरों के साथ इलेक्ट्रिक गाड़ी (ईवी) निर्माताओं सहित विभिन्न मंत्रालयों में कई बैठकें हुईं। सूत्रों ने कहा कि नीति आयोग के ऑफिसरों ने भी अंतरिक्ष क्षेत्र के उद्यमियों के साथ बैठक की, जबकि दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एलन मस्क की हिंदुस्तान यात्रा पर चर्चा के लिए सचिव दूरसंचार विभाग से मुलाकात की।
भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक गाड़ी नीति पर हितधारकों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी और अतिरिक्त सचिव हनीफ कुरैशी ने की। इस बैठक में ऑटो उद्योग के हितधारकों के साथ हुंडई मोटर इंडिया, मारुति सुजुकी इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और जैसी कंपनियां शामिल थीं। इनके अतिरिक्त इस बैठक में वियतनाम की इलेक्ट्रिक गाड़ी निर्माता कंपनी विनफास्ट के प्रतिनिधि भी शामिल थे। विनफास्ट हिंदुस्तान में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए तमिलनाडु में एक संयंत्र स्थापित करने जा रही है।
गोपाल नादादुर ने किया टेस्ला का प्रतिनिधित्व
रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक गाड़ी नीति पर भारी उद्योग मंत्रालय की बैठक में भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधि पर्सनल तौर पर मौजूद हुए, जबकि विनफास्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वियतनाम से औनलाइन माध्यम से बैठक में शामिल हुए। दिलचस्प बात यह है कि टेस्ला का अगुवाई गोपाल नादादुर ने किया, जो द एशिया ग्रुप में दक्षिण एशिया के उपाध्यक्ष हैं। एशिया ग्रुप वाशिंगटन डीसी में स्थित एक रणनीतिक सलाहकार फर्म है, जो टेस्ला का सलाहकार है।
हितधारकों से सुझाव मांगने के लिए की गई थी बैठक
भारी उद्योग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को कहा कि यह बैठक नयी इलेक्ट्रिक गाड़ी नीति के लिए तैयार किए जाने वाली गाइडलाइन्स के लिए सुझाव मांगे जाने को लेकर आयोजित की गई थी। इस बैठक में सभी हिताधारकों के सामने भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक गाड़ी नीति का एक खाका पेश किया। बैठक में ज्यादातर प्रतिभागी नीति के विवरण को गहराई से समझने का कोशिश कर रहे थे।