Explainer: इस साल गेहूं के भंडार में आई गिरावट, जानें क्यों और कैसे मैनेज होता है बफर स्टॉक
Buffer Stock News: देश में कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है जब हम देखते हैं कि गेहूं, आलू, प्याज, टमाटर या फिर किसी भी वस्तु का रेट आसमान पर पहुंच जाता है… उस फसल या वस्तु का रेट बढ़ने से आम जनता परेशान हो जाती है। तो ऐसे में कीमतों पर रोक लगाने और बाजार में सस्ती कीमतों पर वह वस्तु मौजूद कराने के लिए गवर्नमेंट बफर स्टॉक जारी करती है। इस वर्ष गेहूं के भंडार में तेज गिरावट आई है।
पिछले दो वर्षों के दौरान कम खरीद और खुले में अनाज की रिकॉर्ड बिक्री की वजह से भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास गेहूं का स्टॉक 2018 के बाद पहली बार 100 लाख टन से नीचे चला गया है… जो इस महीने घटकर 97 लाख टन रह गया है। हालांकि, चावल के स्टॉक के मुद्दे में FCI के पास इस समय बफर मानक से चार गुना से अधिक स्टॉक है।
पिछले 8 वर्षों में कितना रहा गेहूं का स्टॉक-
>> मार्च 2017 – 94.3 लाख टन
>> मार्च 2018 – 151.5 लाख टन
>> मार्च 2019 – 201 लाख टन
>> मार्च 2020 – 275.2 लाख टन
>> मार्च 2021 – 295.4 लाख टन
>> मार्च 2022 – 234 लाख टन
>> मार्च 2023 – 116.7 लाख टन
>> मार्च 2024 – 97 लाख टन
सीमित खरीदारी की वजह से आई गिरावट
यह गिरावट दो वर्ष से सरकारी खरीद के सीमित रहने की वजह से देखने को मिली है। दूसरी ओर, चावल के भंडार भरे हुए हैं। एफसीआई के पास चावल बफर सीमा के दोगुना से अधिक है। बीते कुछ महीनों में गवर्नमेंट ने कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए भंडार से गेहूं की खुले बाजार में बिक्री की थी। इससे भंडार में और कमी आ गई है। 97 लाख टन के साथ ही मौजूदा गेहूं भंडार महत्वपूर्ण सीमा से काफी ऊपर है। नियमों के मुताबिक, गवर्नमेंट के भंडार में पहली अप्रैल को 74.6 लाख टन गेहूं रहना चाहिए।
पिछले 8 वर्षों में कितना रहा चावल का स्टॉक-
>> मार्च 2017 – 204 लाख टन
>> मार्च 2018 – 232.8 लाख टन
>> मार्च 2019 – 264 लाख टन
>> मार्च 2020 – 309.8 लाख टन
>> मार्च 2021 – 282.4 लाख टन
>> मार्च 2022 – 295.8 लाख टन
>> मार्च 2023 – 210.5 लाख टन
>> मार्च 2024 – 262.9 लाख टन
1 मार्च से प्रारम्भ हो चुका है सीजन
1 मार्च से गेहूं की खरीद का सीजन प्रारम्भ हो चुका है। इस वर्ष गेहूं की सरकारी खरीद 2 वर्ष के मुकाबले सबसे अधिक रह सकती है। सरकारी अनुमान के मुताबिक, इस वर्ष गेहूं की खरीद 3.20 करोड़ टन तक रह सकती है। इस सीजन में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन 11.2 करोड़ टन रह सकता है। बता दें पिछले एक वर्ष में गवर्नमेंट ने गेहूं की कीमतों पर कंट्रोल लगाने के लिए कई बार 90 लाख टन गेहूं बाजार में उतारा था।
क्या होता है बफर स्टॉक?
बफर स्टॉक एक तरह की सरकारी योजना है। इसका इस्तेमाल कीमतों को बढ़ने और गिरने से रोकने के लिए किया जाता है। गवर्नमेंट की तरफ से अच्छी फसल के समय यह स्टॉक खरीदा जाता है और फिर उसको स्टोर किया जाता है। इसके बाद में जब भी उस फसल का खराब मौसम होता है तो इस स्टॉक का इस्तेमाल किया जाता है। मान लीजिए कि बारिश की वजह से प्याज की फसल खराब हो गई है और रिटेल बाजार में प्याज का रेट सातवें आसमान पर पहुंच गया है तो उस स्थिति में आम जनता को राहत देने के लिए गवर्नमेंट बफर स्टॉक से प्याज निकाल कर खुले बाजारों में बेचती है, जिससे आम जनता को कम मूल्य पर वही सामान सरलता से मिल जाता है।
किस तरह कंट्रोल होती है कीमतें?
साधारण भाषा में बात की जाए तो गवर्नमेंट किसी भी फसल या वस्तु की मूल्य कम होने पर उसको स्टोर कर लेती है। वहीं, जब उस फसल की कीमतें रिकॉर्ड पर होती हैं तो बफर स्टॉक को जारी कर देती है। इससे उस वस्तु की मूल्य पर कंट्रोल किया जाता है और बाजार में रेट बढ़ने से रोका जाता है। यानी बफर स्टॉक जारी करके वस्तु की कीमतों पर कंट्रोल किया जाता है।