प्याज पर निर्यात शुल्क में करीब 40 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
Onion Diplomacy: प्याज अब महज सब्जी के जायके को बढ़ाने वाला पदार्थ नहीं रह गया है, बल्कि अभी यह ‘भारतीय कूटनीति’ का अहम हिस्सा भी बन गया है। हालांकि, आज से करीब 26 वर्ष पहले भी वर्ष 1998 में यह ‘भारतीय राजनीति’ का हिस्सा बना था और राष्ट्र के किसी प्रदेश में गवर्नमेंट बदल गई थी। अब गवर्नमेंट ने घरेलू बाजार के तेजड़ियों और मुनाफाखोरों की करतूत से सबक लेते हुए अभी इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। गवर्नमेंट के इस कदम का मुख्य उद्देश्य पहले घरेलू बाजार में प्याज की मूल्य पर काबू रखना है और दूसरा मित्र देशों की जरूरतों को पूरा करना है। फिलहाल, ताजा समाचार यह है कि गवर्नमेंट ने शुक्रवार को प्याज पर निर्यात शुल्क में करीब 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। निर्यात शुल्क में की गई यह बढ़ोतरी शनिवार 4 मई 2024 से लागू होगी।
प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र गवर्नमेंट ने शुक्रवार को प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने का निर्णय किया है। इससे पहले गवर्नमेंट ने अगस्त 2023 में हिंदुस्तान ने प्याज पर 31 दिसंबर 2023 तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था। इसके साथ ही, उसने देसी चने के आयात पर शुल्क से 31 मार्च, 2025 तक छूट देने का निर्णय किया। इतना ही नहीं, 31 अक्टूबर 2024 या उससे पहले जारी किए गए ‘बिल ऑफ एंट्री’ के जरिये पीले मटर के आयात पर शुल्क छूट भी बढ़ा दी गई है। ‘बिल ऑफ एंट्री’ एक कानूनी डॉक्यूमेंट्स है, जो आयातकों या सीमा शुल्क निकासी एजेंटों के आयातित वस्तुओं के आगमन पर या उससे पहले दाखिल किया जाता है।
4 मई से कारगर हो जाएगा नया आदेश
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना में बोला गया है कि प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त अन्य सभी परिवर्तन 4 मई 2024 से कारगर हो जाएंगे। फिलहाल, प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। हालांकि, गवर्नमेंट ने हिंदुस्तान के मित्र राष्ट्रों को प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी है। इसने संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश को एक निश्चित मात्रा में प्याज निर्यात की अनुमति दी है।
केवल मित्र देशों को मिलेगा भारतीय प्याज का स्वाद
प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंधों के बीच हिंदुस्तान अपने मित्र देशों को प्याज का निर्यात करता रहेगा। जिन मित्र देशों को हिंदुस्तान से प्याज भेजा जाएगा, उनमें संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, भूटान, बहरीन और मॉरीशस शामिल हैं। गवर्नमेंट ने अभी हाल ही में इन मित्र देशों को एक निश्चित मात्रा में प्याज की आपूर्ति करने की अनुमति दी है।
किन मित्र देशों को कितना मिलेगा प्याज
द हिंदू अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र गवर्नमेंट ने पिछले 1 मार्च 2024 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को 14,400 मीट्रिक टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी। इसके साथ ही, गवर्नमेंट ने यह शर्त भी रखी थी कि तीन महीने में यह निर्यात 3600 मीट्रिक टन से अधिक नहीं हो सकता है। वहीं, पिछले महीने 3000 टन से अधिक प्याज के निर्यात को स्वीकृति दी गई है। इसके अतिरिक्त वाणिज्य मंत्रालय ने पिछले हफ्ते यूएई को अलग से 10 हजार मीट्रिक टन प्याज की अनुमति दी है। वहीं, मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान ने बांग्लादेश को 50,000 टन, भूटान को 550 टन, बहरीन को 3,000 और मॉरिशस को 1,200 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है।
कौन करेगा प्याज का निर्यात
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान से मित्र देशों को प्याज का निर्यात कोई प्राइवेट एजेंसी नहीं करेगी, बल्कि सहकारिता मंत्रालय के अनुसार आने वाली एक सरकारी स्वामित्व वाली संस्था करेगी। प्याज का यह निर्यात विशेष रूप से नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से किया जा रहा है। वहीं, निर्यात के लिए प्याज की खरीद एग्री बाजार पोर्टल पर ई-टेंडरिंग के जरिए की जा रही है। हालांकि, मीडिया की रिपोर्ट में यह भी बोला गया है कि हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने गवर्नमेंट से प्याज निर्यात करने की प्रक्रिया और उसकी कीमतों को तय करने के नियमों को साफ करने की मांग की है।