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मसाले बनाने वाली सभी कंपनियों की फैक्ट्रियों का होगा इंस्पेक्शन

भारत के फूड सेफ्टी रेगुलेटर ने अब MDH और ऐवरेस्ट समेत सभी मसाला मिक्स बनाने वाली कंपनियों के प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग और जांच के आदेश दिए हैं. गुरुवार को रेगुलेटर ने बोला कि इस सेक्टर में जांच का दायरा बढ़ाया गया है, क्योंकि ग्लोबल रेगुलेटर्स दो पॉपुलर लोकल ब्रांड्स के प्रोडक्ट्स में पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की जांच कर रहे हैं.

कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का इंस्पेक्शन, सैंपलिंग और टेस्टिंग का आदेश
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इण्डिया यानी FSSAI ने अब ऑफिसरों को लोकल और विदेशी बिक्री के लिए करी पाउडर और मिक्स्ड मसाला ब्लेंड्स बनाने वाली कंपनियों पर नजर रखने को बोला है.

इसके साथ ही सभी मसाला पाउडर बनाने वाली कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का इंस्पेक्शन, सैंपलिंग और टेस्टिंग करने का भी आदेश दिया है. सैंपल में लिए गए हर प्रोडक्ट की क्वालिटी और सेफ्टी पैरामीटर्स के कंप्लायंस यानी अनुपालन के लिए एनालिसिस किया जाएगा.

सभी कंपनियों के प्रोडक्ट्स में एथिलीन ऑक्साइड की प्रेजेंस की भी जांच की जाएगी
एजेंसी ने बोला कि सभी कंपनियों के प्रोडक्ट्स में एथिलीन ऑक्साइड की प्रेजेंस की भी जांच की जाएगी. जिसका यूज हिंदुस्तान में बैन है, और टेस्टिंग पूरी होने के बाद मुनासिब कार्रवाई प्रारम्भ की जाएगी.

सिंगापुर-हॉन्गकॉन्ग के बाद​​​ मालदीव ने एवरेस्ट-MDH मसालों की बिक्री पर रोक लगाई
हाल ही में मालदीव ने भी अपने यहां एवरेस्ट और MDH मसालों की बिक्री पर रोक लगा दी. मालदीव से पहले सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने भी MDH और एवरेस्ट दोनों कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट्स में पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की लिमिट से अधिक मात्रा होने के कारण उन्हें बैन किया था. इन प्रोडक्ट्स में इस पेस्टिसाइड की अधिक मात्रा से कैंसर होने का खतरा है.

हॉन्गकॉन्ग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने बोला था कि MDH ग्रुप के तीन मसाला मिक्स- मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा अधिक पाई गई है. वहीं एवरेस्ट के फिश करी मसाला में भी यह कार्सिनोजेनिक पेस्टिसाइड पाया गया है.

MDH और एवरेस्ट मसालों के बैन पर हिंदुस्तान ने सिंगापुर-हॉन्गकॉन्ग से डिटेल्स मांगी
MDH और एवरेस्ट मसालों के बैन के मुद्दे में हिंदुस्तान ने सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के फुड रेगुलेटर्स यानी खाद्य नियामक से डीटेल्स मांगी हैं. कॉमर्स मिनिस्ट्री ने सिंगापुर और हांगकांग दोनों में भारतीय दूतावासों को इस मुद्दे पर एक डीटेल्ड रिपोर्ट भेजने का भी निर्देश दिया. मिनिस्ट्री ने MDH और एवरेस्ट से भी डीटेल्स मांगी हैं.

इस बीच स्पाइस बोर्ड ऑफ इण्डिया भारतीय ब्रांडों MDH और एवरेस्ट के चार मसाला-मिक्स प्रोडक्ट की सेल पर हांगकांग और सिंगापुर के लगाए गए बैन पर विचार कर रहा है.

MDH ने आरोपों को खारिज किया, कहा- प्रोडक्ट्स सेफ
वहीं MDH ने अपने प्रोडक्ट्स में ‘कीटनाशक’ होने के आरोपों को खारिज करते हुए बोला था कि ये दावे झूठे और निराधार हैं और इनके कोई ठोस सबूत नहीं है.

MDH ने बोला था, ‘हमारे प्रोडक्ट्स में एथिलीन ऑक्साइड होने के इल्जाम ठीक नहीं है. इसके अलावा, कंपनी को सिंगापुर या हॉन्गकॉन्ग के रेगुलेटरी ऑफिसरों की ओर से कोई मैसेज नहीं मिला है.

एवरेस्ट ने कहा- हमारे मसाले सिंगापुर-हॉन्गकॉन्ग में बैन नहीं
एवरेस्ट ने भी सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में अपने प्रोडट्क्स बैन होने के रिपोर्टों का खंडन किया था. कंपनी ने बोला था कि किसी भी राष्ट्र में एवरेस्ट मसालों पर बैन नहीं है. हमारे सभी प्रोडक्ट्स सेफ और हाई क्वालिटी के हैं. केवल एक प्रोडक्ट की जांच होगी.

इससे पहले हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में MDH और एवरेस्ट के चार मसालों पर बैन के बाद हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने फूड कमिश्नर्स से सभी कंपनियों के मसालों का सैंपल इकट्ठा करने को बोला था.

हानिकारक तत्व होने पर कंपनियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी
भारत में फूड आइटम्स में एथिलीन ऑक्साइड के इस्तेमाल पर बैन है. भारतीय मसालों में नुकसानदायक तत्व पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. आपराधिक कार्यवाही का भी प्रावधान है. गवर्नमेंट ने मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अनुसार स्पाइस बोर्ड से अपील की है कि वह जागरूकता फैलाए कि उत्पादों में कोई नुकसानदायक तत्व नहीं मिलाया जाना चाहिए.

अमेरिका में भी मसालों की ​​​​​​​जांच कर रहीं एजेंसियां
वहीं अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) भी कंपनी के मसालों की जांच कर रहा है. FDA के प्रवक्ता ने रॉयटर्स को कहा था, ‘FDA को इन रिपोर्ट्स की जानकारी है और वह स्थिति के बारे में अतिरिक्त जानकारी जुटा रहा है.

कीटनाशक है एथिलीन ऑक्साइड, इससे कैंसर का खतरा
स्पाइस बोर्ड एथिलीन ऑक्साइड को 10.7 सेल्सियस से ऊपर के तापमान पर ज्वलनशील, रंगहीन गैस के रूप में परिभाषित करता है. यह कीटाणुनाशक, स्टरलाइजिंग एजेंट और कीटनाशक के रूप में काम करता है. इसका इस्तेमाल चिकित्सा उपकरणों को स्टरलाइज करने और मसालों में माइक्रोबियल कंटेमिनेशन को कम करने के लिए किया जाता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) एथिलीन ऑक्साइड को ‘ग्रुप 1 कार्सिनोजेन’ के रूप में वर्गीकृत करती है. यानी यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि यह मनुष्यों में कैंसर का कारण बन सकता है. एथिलीन ऑक्साइड से लिम्फोमा और ल्यूकेमिया जैसे कैंसर हो सकते हैं. पेट और स्तन कैंसर भी हो सकता है.

वित्त साल 2022-23 में हिंदुस्तान ने 32,000 करोड़ के मसालों का एक्सपोर्ट किया
वित्त साल 2022-23 में हिंदुस्तान ने करीब 32,000 करोड़ रुपए के मसालों का एक्सपोर्ट किया. मिर्च, जीरा, हल्दी, करी पाउडर और इलायची एक्सपोर्ट किए जाने वाले प्रमुख मसाले हैं.

 

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