फिच : भारत की आर्थिक ग्रोथ को मजबूत घरेलू मांग और निवेश में बढ़ोतरी से मिलेगा सपोर्ट
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने वित्त साल 2025 के लिए हिंदुस्तान का इकोनॉमिक ग्रोथ अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 7% कर दिया है। फिच ने बोला कि हिंदुस्तान की आर्थिक ग्रोथ को मजबूत घरेलू मांग और निवेश में बढ़ोतरी से सपोर्ट मिलेगा।
इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने 2024 के अंत तक रिटेल महंगाई रिटेल महंगाई में 4% गिरावट का संभावना व्यक्त किया है। फिच को आशा है कि रिजर्ब बैंक ऑफ (RBI) जुलाई से दिसंबर के बीच रेपो दर में 50 bps की कटौती कर सकता है।
फिच के फोरकास्ट में यह परिवर्तन लगभग दो सप्ताह बाद आया है जब नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (NSO) के ऑफिशियल आंकड़ों से पता चला है कि अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में राष्ट्र की GDP में 8.4% की वृद्धि हुई है, जो मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर के बेहतर परफॉर्मेंस से बढ़ी है।
GDP क्या है?
GDP यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट किसी अर्थव्यवस्था की स्थिति बताने वाला सबसे कॉमन इंडिकेटर है। किसी राष्ट्र की GDP राष्ट्र के भीतर एक निश्चित समय सीमा (भारत में- 1 अप्रैल से 31 मार्च) में प्रोड्यूस किए गए सभी गुड्स और सर्विसेज की वैल्यू के आधार पर राष्ट्र की आर्थिक हालत बताती है। इसमें राष्ट्र की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है। जब इकोनॉमी हेल्दी होती है, तो आमतौर पर बेरोजगारी का लेवल कम होता है।
दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। अभी GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। यानी 2011-12 में गुड्स और सर्विस के जो दर थे, उस हिसाब से कैलकुलेशन। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करेंट प्राइस पर किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?
GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब सरकार स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।
GDP की घट-बढ़ के लिए उत्तरदायी कौन है?
GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में सहयोग देता है। दूसरा है, निजी क्षेत्र की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% सहयोग देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च।
इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में गवर्नमेंट कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% सहयोग है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए हिंदुस्तान के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि हिंदुस्तान में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट अधिक है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।