सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% निर्यात शुल्क लगाने का लिया फैसला
सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट बैन हटा दिया है. हालांकि, इसके लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) 550 $ यानी करीब 45,800 रुपए प्रति मीट्रिक टन निर्धारित कर दिया है. यानी जो प्याज एक्सपोर्ट की जाएगी उसकी मूल्य मिनिमम 45,800 रुपए प्रति मीट्रिक टन यानी एक हजार किलो होना महत्वपूर्ण है.
यह आदेश आज से ही लागू हो गया है और अगले आदेश तक मान्य रहेगा. इसके अतिरिक्त गवर्नमेंट ने प्याज के निर्यात पर 40% निर्यात शुल्क लगाने का भी निर्णय लिया है. पिछले वर्ष दिसंबर में जब प्याज की मूल्य 70 से 80 रुपए पहुंच गए थी तब गवर्नमेंट ने प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था.
तीसरे चरण की वोटिंग से पहले हटा प्याज एक्सपोर्ट बैन
पिछले वर्ष दिसंबर में गवर्नमेंट ने 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी, लेकिन उसके बाद राष्ट्रों के निवेदन के आधार पर इसके शिपमेंट की अनुमति दी गई थी. इसके बाद पिछले महीने ही गवर्नमेंट ने अगले आदेश तक प्याज के एक्सपोर्ट बैन को बढ़ा दिया था.
एक्सपोर्ट बैन बढ़ने के बाद से प्याज व्यापारी और किसान, खास तौर पर महाराष्ट्र के किसान एक्सपोर्ट बैन हटाने का आग्रह कर रहे थे, उनका बोलना था कि इससे किसानों को बेहतर मूल्य पाने में सहायता मिलेगी. अब गवर्नमेंट ने ऐसे समय में एक्सपोर्ट बैन हटाया है, जब 7 मई को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग होने वाली है.
नवरात्रि के बाद तेजी से बढ़े थे प्याज के दाम
अक्टूबर में नवरात्रि के बाद राष्ट्र भर में प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ने लगी और सिर्फ़ एक सप्ताह में दोगुने से अधिक बढ़ गईं थीं. जिसके बाद गवर्नमेंट ने कंज्यूमर्स के ऊपर बोझ कम करने के 27 अक्टूबर से नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन (NCCF) और नेफेड जैसे सरकारी बिक्री केंद्रों के जरिए 25 रुपए किलो के दर से प्याज की बिक्री प्रारम्भ की थी.
प्याज हिंदुस्तान की सियासी अर्थव्यवस्था का जरूरी हिस्सा
प्याज हमेशा से हिंदुस्तान की सियासी अर्थव्यवस्था का एक जरूरी हिस्सा रहा है, खासकर जब चुनाव का समय आता है. पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने स्वयं 1980 के केंद्रीय चुनावों को ‘प्याज का चुनाव’ कहा था.