सरकार जन औषधि केंद्र खोलने के लिए बिना किसी गारंटी के देगी लोन
आम लोगों को सस्ती दवाईयां मौजूद कराने के लिए मोदी गवर्नमेंट जन औषधि केंद्रों की संख्या लगातार बढ़ा रही है। अब गवर्नमेंट ने एक और पहल की है। गवर्नमेंट ने जन औषधि केंद्र खोलने के लिए बिना किसी गारंटी के लोन देगी। इसके लिए सिडबी के साथ साझेदारी की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य और रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने इसकी जानकारी देते हुए बोला कि जन औषधि केंद्रों के संचालकों के लिए सिडबी की कर्ज सहायता योजना प्रारम्भ की गई है। उन्होंने जन औषधि केंद्रों को लोन सहायता के लिए वेबसाइट लॉन्च की। इस वेबसाइट के जरिये जन औषधि खोलने वाले सरलता से लोन ले पाएंगे।
बिना किसी गारंटी के मिलेगा लोन
जन औषधि केंद्र के छोटे संचालकों को बिना किसी गारंटी के सिडबी से ऋण मौजूद कराया जाएगा। उन्होंने बोला कि सिडबी की इस योजना से जन औषधि केंद्र के संचालकों को कारोबार प्रारम्भ करने या उसका विस्तार करने में सहायता मिलेगी। ऐसे ऋण पर गारंटी, चाहे कार्यशील पूंजी हो या सावधि कर्ज को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) की तरफ से उपलब्ध कराया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में जन औषधि केंद्र खुलने से लोग अब किफायती दरों पर जेनेरिक दवाएं खरीद रहे हैं। उदाहरण के लिए, कैंसर की दवा जिसकी मूल्य खुले बाजार में लगभग 2,250 रुपये है, यहां 250 रुपये में बेची जाती है। यहां तक कि ग्रामीण लड़कियां भी इन केंद्रों से एक रुपये में सैनिटरी नैपकिन खरीद सकती हैं।
25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य
सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक देशभर में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष जनवरी तक देशभर में लगभग 10,624 जन औषधि केंद्रों का संचालन हो रहा था। इन जन औषधि केंद्रों के जरिये लगभग 1,965 जेनेरिक दवाएं और 293 सर्जिकल उत्पाद सस्ती दरों पर बेचे जाते हैं। वित्त साल 2022-23 में इन केंद्रों के जरिये 1,235.95 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई थी जिससे नागरिकों को लगभग 7,416 करोड़ रुपये की बचत हुई।