बिज़नस

चीनी कंपनियां अपने स्मार्टफोन को सस्ते में बेचने के बाद भी कैसे कर लेती हैं तगड़ी कमाई, समझिए पूरा गणित

Redmi, Realme, Vivo, Motorola जैसे ब्रांड्स आए दिन सस्ते SmartPhone लॉन्च कर रहे हैं. अच्छे हार्डवेयर फीचर होने के बावजूद इन कंपनियों के SmartPhone Samsung, OnePlus, Nothing, Google जैसे ब्रांड्स के SmartPhone के मुकाबले काफी कम मूल्य में लॉन्च किए जाते हैं. यही नहीं, इन ब्रांड्स के SmartPhone की खरीद पर कंपनी द्वारा अच्छे ऑफर्स भी दिए जाते हैं. आप सोच रहे होंगे, अच्छे हार्डवेयर देने के बावजूद ये कंपनियां सस्ते में टेलीफोन बेचकर कैसे कमाई करती हैं? सोचिए मत, हम आपको इसका पूरा गणित समझाएंगे.

हार्डवेयर के जरिए होती है कमाई

किसी भी SmartPhone की मूल्य उसमें लगे हार्डवेयर और मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट पर निर्भर करती है. साथ ही, ब्रांड्स को अपने औनलाइन और ऑफलाइन रिटेलर्स के लिए हर यूनिट के लिए कुछ प्रॉफिट मार्जिन छोड़ना पड़ता है. चीनी ब्रांड्स अपने ज्यादातर SmartPhone को घरेलू बाजार में लॉन्च हुए टेलीफोन को रीब्रांड करके हिंदुस्तान में उतारते हैं. उन टेलीफोन के हार्डवेयर फीचर में थोड़ी-बहुत कटौती करके वो कमाई कर लेते हैं. हालांकि, ब्रांड्स के लिए कमाई का जरिया सिर्फ़ हार्डवेयर ही नहीं होता है. इससे अधिक कमाई कंपनी दूसरे ढंग से करती है.

प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स (ब्लॉटवेयर) से होती है गाढ़ी कमाई

चीनी ब्रांड्स के ज्यादातर SmartPhone टेलीफोन में पहले से उपस्थित ऐप्स यानी ब्लॉटवेयर के जरिए कमाई करते हैं. एक आम यूजर SmartPhone सेट-अप करते समय इन ऐप्स पर ध्यान नहीं देते हैं और टेलीफोन में इंस्टॉल कर लेते हैं. इसके बाद इन ऐप्स के जरिए टेलीफोन में ऐड्स आते रहते हैं. यही ऐड्स SmartPhone कंपनियों के लिए कमाई का मुख्य जरिया होता है.

आपने यदि इन ब्रांड्स के हाल ही में किसी बजट यानी सस्ते SmartPhone को खरीदा है, तो आप भी टेलीफोन में पहले से उपस्थित कई ब्लॉटवेयर जरूर देखे होंगे. ये ब्लॉटवेयर इन ब्रांड्स की ऐड और डेटा माइनिंग आदि के जरिए कमाई करवाते हैं. हालांकि, पिछले दिनों यूजर्स की नाराजगी और ऑथोरिटी की कठोरता के बाद कई ब्रांड्स बिना ब्लॉटवेयर के SmartPhone लॉन्च कर रहे हैं. साथ ही, यूजर्स के पास इन ब्लॉटवेयर को डिसेबल या अनइंस्टॉल करने का ऑप्शन मिल रहा है.

फोन सेटअप करते समय रखें ध्यान

नए SmartPhone को सेटअप करते समय इन बातों का ध्यान हमेशा रखें कि यदि आपको कोई थर्ड पार्टी ऐप को टेलीफोन में इंस्टॉल करने का सजेशन मिलता है, तो आप बिना किसा ऐप को सेलेक्ट किए टेलीफोन को सेटअप करें. टेलीफोन सेटअप करने के बाद आप Google Play Store से सिर्फ़ अपनी आवश्यकता का ऐप ही डाउनलोड करें. ऐप डाउनलोड करने के बाद उन्हें सिर्फ़ महत्वपूर्ण परमिशन ही दें. लोकेशन, कैमरा, मीडिया, टेलीफोन कॉल्स, मैसेज आदि के परमिशन न दें. ऐसा करने से आपका निजी डेटा एडवर्टाइजर्स या फिर साइबर अपराधियों के हाथ लग सकता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button