पेट्रोल-डीजल को भारतीयों की ना-ना! अब इन कारों पर आया ग्राहकों का दिल
नई दिल्ली। बीते दिनों नितिन गडकरी ने न्यूज एजेंसी मीडिया के साथ वार्ता में बोला कि उन्होंने राष्ट्र में चल रहे 36 करोड़ से अधिक पेट्रोल और डीजल वाहनों से पूरी तरह छुटकारा दिलाने की संकल्प लिया है और वह हाइब्रिड व्हीकल्स पर जीएसटी को कम भी करना चाहते हैं। जब केंद्रीय मंत्री से पूछा गया कि क्या हिंदुस्तान के लिए पेट्रोल और डीजल कारों से पूरी तरह छुटकारा पाना संभव है, उन्होंने कहा, ‘सौ फीसदी’। इस बीच एक डेटा भी सामने आया है जहां देखा जा सकता है कि भारतीय बाजार में सीएनजी और इलेक्ट्रिक/हाइब्रिड कार्स का बाजार तेजी से बढ़ा है।
Statista से एक डेटा सामने आया है जहां देखा जा सकता है कि 2020 से लेकर 2023 तक सीएनजी और इलेक्ट्रिक/हाइब्रिड कारों का बाजार में शेयर बढ़ा है। यहां फ्यूल टाइप के हिसाब से 2020 से 2023 के बीच हिंदुस्तान में कार सेल्स के आंकड़े को देखा जा सकता है। आइए देखते हैं पूरा डेटा।
Statista का डेटा।
साल 2020 के आंकड़ों की बात करें तो इस दौरान बाजार में पेट्रोल कारों का बाजार शेयर 77 फीसदी था। जोकि 2021 में 74 प्रतिशत, 2022 में 68 फीसदी और 2023 में 65 फीसदी रहा। यानी आप ट्रेंड देखें तो ये आंकड़ा घटता ही जा रहा है। वहीं, डीजल कारों की बात करें तो 2020 में डीजल कारों का बाजार शेयर 18 फीसदी रहा। अगले वर्ष यानी 2021 में भी यही आंकड़ा जारी रहा। इसके बाद 2022 में 1 फीसदी बढ़कर 19 फीसदी और अगले वर्ष फिर ये आंकड़ा 18 फीसदी पर आ गया। यानी कमोवेश डीजल कारों के बाजार शेयर पर अधिक फेरबदल देखने को नहीं मिला।
अब यदि सीएनजी कारों की बात करें तो वर्ष 2020 में इन कारों का बाजार शेयर 5 प्रतिशत, 2021 में 7 प्रतिशत, 2022 में 11 फीसदी और 2023 में 13 फीसदी रहा। यहां ट्रेंड को बढ़ते हुए देखा जा सकता है। इसके बाद अंत में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों की बात करें तो 2020 में इन कारों का बाजार शेयर 0.20 प्रतिशत, 2021 में 7 प्रतिशत, 2022 में 11 फीसदी और 2023 में 13 फीसदी रहा। यहां भी आंकड़ा बढ़ते क्रम में ही है।