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महिलाओं के लिए तेलंगाना सरकार की मुफ्त बस यात्रा योजना से मेट्रो को घाटा

महिलाओं के लिए तेलंगाना गवर्नमेंट की निःशुल्क बस यात्रा योजना ने हैदराबाद मेट्रो को हानि हो रहा है. इसकी प्रमोटर एलएंडटी ने इस परियोजना से बाहर निकलने पर विचार कर रही है. मेट्रो प्रोजेक्ट की फाइनेंशियल कंडिशन एलएंडटी के लिए चिंता का विषय रही है. इसने 2021 से हैदराबाद मेट्रो को अपनी बुक में एक नॉन-कोर एसेट के रूप में लिस्ट कर दिया है. नवंबर 2023 में हैदराबाद मेट्रो की यात्रियों की संख्या 5.5 लाख से गिरकर 4.6 लाख प्रति दिन रह गई है. तेलंगना ने 9 दिसंबर, 2023 को स्त्रियों के लिए निःशुल्क बस यात्रा योजना का घोषणा किया था.

हैदराबाद मेट्रो परियोजना के व्यवहार्य होने के लिए, मेट्रो यात्रियों की संख्या प्रति दिन 5 लाख से अधिक रहनी चाहिए और इसका ऋण 12,000 करोड़ रुपये से कम होकर 8,000 करोड़ रुपये होना चाहिए. एलएंडटी को यह परियोजना 2010 में मिली थी. इसकी अनुमानित लागत देरी के कारण 14,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये हो गई, जिससे 69 किलो मीटर लाइन 2020 में पूरी हो गई.

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एलएंडटी ने कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली तेलंगाना गवर्नमेंट की पहल पर बोला है कि इस योजना ने मेट्रो यात्रियों की संख्या को “कम दिलचस्प” बना दिया है. कंपनी 2026 के बाद इस परियोजना से बाहर निकलने पर विचार करेगी. इंजीनियरिंग कद्दावर एलएंडटी के पास हैदराबाद मेट्रो में 90% हिस्सेदारी है, जबकि तेलंगाना गवर्नमेंट के पास शेष 10% हिस्सेदारी है.

एल एंड टी के सीएफओ शंकर रमन ने बिजनेस टुडे टीवी से बोला उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट के इस कदम से राज्य की वित्तीय स्थिति में कोई सहायता नहीं मिलेगी. “परिवहन प्रणाली में जेंडर डिस्ट्रिब्युशन हो रहा है. बसों का इस्तेमाल उन स्त्रियों द्वारा किया जा रहा है, जो कोई पेमेंट नही करती हैं और मेट्रो का इस्तेमाल मर्दों द्वारा किया जाता है जो प्रति टिकट औसतन 35 रुपये का पेमेंट करते हैं.

 

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