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9 साल में 7000 से ज्‍यादा हुई कृषि स्टार्टअप की संख्या

कारोबार के अनुकूल माहौल और गवर्नमेंट के समर्थन के कारण पिछले 9 वर्ष में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में स्टार्टअप इकाइयों की संख्या 7000 से अधिक हो गई है. 9 सालों के दौरान कृषि के लिए बजट आवंटन में 300 फीसदी का उछाल आया है. यह 30000 करोड़ रुपए से बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है.

वर्ष 2014-15 से पहले 50 से भी कम स्टार्टअप थे : एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. फेडरेशन ऑफ ऑल इण्डिया फार्मर एसोसिएशंस (एफएआईएफए) द्वारा बुधवार को जारी ‘भारत के कृषि परिवर्तन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014-15 से पहले कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 50 से भी कम स्टार्टअप थे.कृषि और कृषक कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) वित्तीय सहायता प्रदान करके और एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करके नवाचार और कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए साल 2018-19 से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के अनुसार ‘नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास’ कार्यक्रम लागू कर रहा है.वर्ष 2018-19 के दौरान देशभर में स्टार्टअप के इनक्यूबेशन और इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए विभाग द्वारा पांच नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और 24 आरकेवीवाई- एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) नियुक्त किए गए हैं, जो वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं. रिपोर्ट में गवर्नमेंट के एक दशक लंबे प्रयासों की सराहना की गई है, जिसमें व्यापक दृष्टिकोण को स्वीकार किया गया है, जिसका फल मिला है.

कृषि के लिए बजट आवंटन में 300 फीसदी का उछाल : इसमें बोला गया है कि किसानों की आय, कृषि बीमा योजनाओं और विस्तारित सिंचाई कवरेज का समर्थन करने वाली पहल से लेकर जैविक खेती को बढ़ावा देने, स्त्री किसानों को सशक्त बनाने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सेवाओं को डिजिटल बनाने तक, गवर्नमेंट ने किसानों के भलाई में एक समग्र रणनीति अपनाई है. नौ सालों के दौरान कृषि के लिए बजट आवंटन में 300 फीसदी का उछाल आया है. यह 30000 करोड़ रुपए से बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है.

भारतीय कृषि वर्तमान में एक जरूरी बदलाव के दौर से गुजर रही : रिपोर्ट में बोला गया है कि व्यापक फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक जरूरी ढाल के रूप में कार्य करती है, जो अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे उनकी आजीविका सुरक्षित होती है और वित्तीय बर्बादी को रोका जा सकता है. बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने रिपोर्ट जारी करते हुए बोला कि वर्तमान गवर्नमेंट की गौरतलब उपलब्धियों के कारण भारतीय कृषि वर्तमान में एक जरूरी बदलाव के दौर से गुजर रही है.

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