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RBI ने नियामक मानदंडों के उल्लंघन के लिए 5 बैंकों पर 60.3 लाख रुपये का लगाया जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने विभिन्न नियामक मानदंडों के उल्लंघन के लिए 5 सहकारी बैंकों पर कुल 60.3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. राजकोट नागरिक सहकारी बैंक पर 43.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह जुर्माना ‘निदेशकों और उनके संबंधियों को ऋण और अग्रिम पर प्रतिबंध समेत अन्य बातों को को लेकर रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन न करने को लेकर लगाया गया है.

केंद्रीय बैंक ने द कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक (नई दिल्ली), राजधानी नगर सहकारी बैंक (लखनऊ) और जिला सहकारी बैंक, गढ़वाल (कोटद्वार, उत्तराखंड) पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अतिरिक्त जिला सहकारी बैंक (देहरादून) पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने बोला कि प्रत्येक मुद्दे में, जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने संबंधित ग्राहकों के साथ किए गए समझौते के किसी भी लेनदेन की वैधता को प्रभावित करना नहीं है.

इससे पहले केंद्रीय बैंक ने कुछ नियमों के उल्लंघन के लिए IDFC फर्स्ट बैंक पर एक करोड़ रुपये और LIC हाउसिंग फाइनेंस पर 49.70 लाख रुपये का जुर्माना लगा चुका है. LIC हाउसिंग फाइनेंस पर जुर्माना गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (रिजर्व बैंक) दिशानिर्देश, 2021 के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने के लिए लगाया गया था.

इसके अतिरिक्त आरबीआई ने चार एनबीएफसी कुंडल्स मोटर फाइनेंस, नित्या फाइनेंस, भाटिया हायर परचेज और जीवनज्योति डिपॉजिट्स एंड एडवांसेज के पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) को रद्द कर कर चुका है. ये कंपनियां अब एनबीएफसी का कारोबार नहीं कर सकती हैं. वहीं, पांच अन्य एनबीएफसी- ग्रोइंग अपॉर्चुनिटी फाइनेंस (इंडिया), इनवेल कमर्शियल, मोहन फाइनेंस, सरस्वती प्रॉपर्टीज और क्विकर मार्केटिंग ने अपना पंजीकरण प्रमाणपत्र लौटा दिया है.

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